चंडीगढ़-अंबाला हाइवे पर 3 नवंबर की रात को एक दर्दनाक हादसा हुआ। सेक्टर 7 के रहने वाले डॉक्टर संदीप नसीयर, जो अपने परिवार के साथ दिवाली का त्योहार मना कर चंडीगढ़ लौट रहे थे, की कार शाहबाद के पास अचानक आग की चपेट में आ गई। इस हादसे में डॉक्टर संदीप और उनकी दो बेटियों परी (6 साल) और खुशी (10 साल) की मौत हो गई।
डॉक्टर संदीप की पत्नी लक्ष्मी और उनकी मां सुदेश भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। रविवार को लक्ष्मी ने पीजीआई में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। लक्ष्मी की मौत के कारण डॉक्टर संदीप और उनकी बेटियों के लिए निर्धारित प्रार्थना सभा को रद्द कर दिया गया था।
डॉक्टर संदीप चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे और उन्होंने कुछ ही समय पहले अपनी पीएचडी पूरी की थी। वह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर और राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू के करीबी दोस्त थे, जिन्होंने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
हादसे के वक्त, डॉक्टर संदीप और उनकी बेटियां पीछे की सीट पर बैठे थे, जिससे वे समय रहते बाहर नहीं निकल सके। कार चला रहे सतिश कुमार ने दरवाजा खोलने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे। जब तक दरवाजा खुला, तब तक परिवार के सदस्य आग की लपटों में फंस चुके थे।
हादसा उस वक्त हुआ जब परिवार दीवाली मनाने के लिए अपने पैतृक गांव सोनीपत जा रहा था। वापसी में डॉक्टर संदीप कार चला रहे थे, जबकि उनके भाई सुशील और उसकी पत्नी और 10 साल का बेटा भी कार में सवार थे। डॉक्टर संदीप की बेटियां खुशी और परी पीछे की सीट पर थीं।
अचानक कार में धुंआ भरने लगा और इसके बाद आग की लपटों ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया। कार से बाहर निकलने की काफी कोशिशों के बावजूद डॉक्टर संदीप और उनकी बेटियों की मौत हो गई, जबकि उनके भाई और मां बाल-बाल बच गए। सभी घायलों को पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया।