श्री भगत ने कहा कि बागवानी विभाग के प्रयासों के कारण पंजाब राज्य के किसानों ने खेती में विविधता के तहत बड़े पैमाने पर बाग लगाए हैं, जिससे जहां लोगों को सेहतमंद बनाए रखने वाले फलों की उपलब्धता बढ़ी है, वहीं राज्य के पर्यावरण में भी सुधार हुआ है, क्योंकि बागों के कारण राज्य में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य के भूजल को बचाना और पर्यावरण को शुद्ध करते हुए किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करना है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि गेहूं, धान समेत ज्यादातर फसलों से प्रति एकड़ 30 हजार से 55 हजार तक की आमदनी होती है, जबकि किसान बागवानी के माध्यम से प्रति एकड़ 1 लाख से 5 लाख तक कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लुधियाना जिले का एक किसान पॉलीहाउस के जरिए प्रति एकड़ 20 लाख रुपये सालाना कमा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न फल एस्टेट भी बागवानों की काफी मदद कर रहे हैं, जहां उन्हें बागों के रखरखाव के बारे में सही जानकारी दी जाती है और बाग में इस्तेमाल होने वाली खाद के बारे में बताया जाता है, जिससे अधिक उपज प्राप्त होती है और अनावश्यक खाद से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है। इससे बागवानों को प्रति एकड़ 7000 रुपये का लाभ होता है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अमरूद, लीची और नाशपाती के एस्टेट बनाए गए हैं, जिन्हें जल्द ही जनता के लिए समर्पित किया जाएगा।
श्री भगत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बागवानों को दी जाने वाली सब्सिडी संबंधी देश के अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन करके राज्य के बागवानों के लिए एक अनुकूल नीति तैयार की जाए। इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक कनाल जमीन में पॉलीहाउस लगाने की संभावनाओं की तलाश की जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य के बागवानों को आगामी वर्ष के दौरान 600 क्विंटल लीची का निर्यात करने का ऑर्डर मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग को मजबूत करने के लिए विभाग में खाली पड़ी सभी रिक्तियों को जल्द भरा जा रहा है।