नई दिल्ली, 27 दिसंबर:
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रखर अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में बीती रात निधन हो गया। दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें रात 8:06 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर 28 दिसंबर को कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। सुबह 8 बजे से 10 बजे तक आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेगी। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा।
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण रहा। 1991 के आर्थिक सुधारों के प्रमुख शिल्पकार के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. सिंह ने देश को नई आर्थिक दिशा दी। वे 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले वित्त मंत्री के रूप में भी उल्लेखनीय सेवाएं दीं।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
राजनीतिक जगत ने जताया शोक
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनके निधन को “देश और कांग्रेस के लिए अपूरणीय क्षति” बताया। उन्होंने कहा, “डॉ. सिंह ने अपने 10 साल के प्रधानमंत्री और 5 साल के वित्त मंत्री के कार्यकाल में सुशासन की मिसाल पेश की। उनका निधन देश के लिए बड़ी क्षति है।”
व्यक्तिगत शोक और संस्मरण
पंजाब में उनके गृहनगर के निवासियों ने भी शोक प्रकट किया। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह अमृतसर से जुड़े थे और हम उनके निधन से गहरा दुख महसूस कर रहे हैं।”
डॉ. सिंह की बेटी के विदेश से लौटने के बाद अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी होंगी। देशभर में उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
भारतीय राजनीति के युग का अंत
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान उनके 10 वर्षीय प्रधानमंत्री कार्यकाल और 5 वर्षों के वित्त मंत्री के रूप में सुशासन की मिसाल के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया।