चंडीगढ़, 4 मार्च:
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक पांच वर्षीय बच्ची की नागरिकता को लेकर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है। यह मामला एक भारतीय महिला और पाकिस्तानी नागरिक से जन्मी बच्ची से जुड़ा है, जो अपनी मां के साथ भारत में रह रही है। अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि बच्ची की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने के अनुरोध पर विचार किया जाए।
मलेरकोटला की महिला ने पाकिस्तानी नागरिक से की थी शादी
मामला पंजाब के मलेरकोटला की रहने वाली भारतीय नागरिक गुलफशा और उसकी बेटी हादिया अफरीदी का है। गुलफशा ने 14 फरवरी 2019 को एक पाकिस्तानी नागरिक से निकाह किया और विवाह के बाद पाकिस्तान में बस गई। हालांकि, उन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता बरकरार रखी और भारतीय पासपोर्ट भी नहीं छोड़ा।
तलाक के बाद भारत लौट आई महिला
समय के साथ, यह शादी सफल नहीं रही और मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया। तलाक के बाद, गुलफशा अपनी पांच वर्षीय बेटी हादिया को लेकर भारत वापस आ गईं। लेकिन, चूंकि बच्ची का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, इसलिए वह कानूनी रूप से पाकिस्तानी नागरिक है। इस बीच, बच्ची के पिता ने उसकी कस्टडी के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी।
हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका
हादिया की मां ने केंद्र सरकार से बेटी की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने और नागरिकता को लेकर फैसला लेने की मांग की। इसके लिए 31 जनवरी 2025 को विदेश मंत्रालय के सचिव को आवेदन दिया गया था, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसी कारण हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को निर्देश
सुनवाई के दौरान, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने अदालत को आश्वासन दिया कि यदि सरकार को उचित समय दिया जाए तो वे इस आवेदन पर निर्णय ले सकते हैं। इस पर जस्टिस कुलदीप तिवारी ने सरकार को निर्देश दिया कि बच्ची की स्थिति को पूरी सहानुभूति के साथ समझते हुए तीन महीने के भीतर उचित निर्णय लिया जाए।