चंडीगढ़, 16 दिसंबर:
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुदीयां ने सोमवार को अपने कार्यालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ “खेती-बाड़ी विपणन पर राष्ट्रीय नीति मसौदा” पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इस सप्ताह के भीतर किसानों और अन्य हितधारकों के साथ एक आपात बैठक बुलाने का निर्णय लिया।
श्री खुदीयां ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण) श्री अनुराग वर्मा, पंजाब राज्य किसान एवं मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव श्री रामवीर के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तुरंत किसानों, कृषि विशेषज्ञों और अन्य संबंधित हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित करें, ताकि केंद्र सरकार द्वारा साझा किए गए मसौदा नीति पर गहराई से चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा कि इस मसौदा नीति का गहन विश्लेषण और हितधारकों के साथ परामर्श आवश्यक है, क्योंकि यह राज्य और इसके किसानों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि कृषि विभाग ने पहले ही भारत सरकार की मसौदा समिति के संयोजक, डॉ. एस.के. सिंह को पत्र लिखकर मसौदा नीति पर टिप्पणियां देने के लिए कम से कम तीन सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मसौदा नीति के हर बिंदु का गहन अध्ययन किया जाए, ताकि कोई ऐसा मुद्दा न छूटे जो निकट भविष्य या लंबे समय में किसानों के लिए हानिकारक साबित हो सके।
मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), मंडी शुल्क और मंडी बोर्ड को मजबूत बनाने जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य की कृषि विपणन संरचना को और सुदृढ़ किया जा सके और बड़े कॉरपोरेट्स से किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार किया जा सके।
इस उच्च स्तरीय बैठक में कृषि निदेशक श्री जसवंत सिंह, पीएयू के अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. जितेंद्र मोहन सिंह, और पंजाब मंडी बोर्ड व कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।