संयुक्त राज्य अमेरिका, 19 फरवरी:
ट्रंप प्रशासन अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर रहा है, जिसमें सैकड़ों भारतीय नागरिकों को पहले ही देश से निकाला जा चुका है। अब तक, अलग-अलग तारीखों में 332 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है, जिनमें से सबसे अधिक 128 पंजाबी शामिल हैं।
हाल की घटनाओं ने भारतीय समुदाय, खासकर अमेरिका में रह रहे लोगों के परिवारों के बीच चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब सिर्फ कुछ सैकड़ों ही नहीं, बल्कि 14 लाख पंजाबी निर्वासन के खतरे में हैं।
अचानक 20 इमिग्रेशन जज बर्खास्त, बढ़ा पंजाबी प्रवासियों का खतरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में बिना किसी पूर्व सूचना के 20 इमिग्रेशन जजों को बर्खास्त कर दिया। इस फैसले ने शरणार्थी दर्जे के लिए आवेदन करने वाले 35 लाख लोगों को संकट में डाल दिया है। इन जजों की बर्खास्तगी के कारण मामलों में और देरी होगी, जिससे अमेरिका में रह रहे लगभग 14 लाख पंजाबी अप्रवासियों के निर्वासन का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका में रहने वाले पंजाबी समुदाय के नेता राणा टुट के अनुसार, यह कदम अमेरिका में अवसर तलाश रहे पंजाबी युवाओं को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
इमिग्रेशन कोर्ट में देरी और पंजाबी प्रवासियों की स्थिति
अमेरिका में पहले से ही इमिग्रेशन अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बहुत अधिक है, जिससे कानूनी प्रक्रिया में वर्षों की देरी हो रही है। वरिष्ठ लेखक बलविंदर सिंह बाजवा, जो लंबे समय से प्रवास मामलों पर नजर रख रहे हैं, का कहना है कि इन लंबित मामलों में 40% पंजाबी मूल के लोग शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा जून 2024 में 5 लाख अवैध अप्रवासियों को कानूनी दर्जा देने की योजना थी, लेकिन अब इमिग्रेशन जजों की बर्खास्तगी के कारण यह योजना अधर में लटक सकती है।
ट्रंप प्रशासन का इमिग्रेशन पर कड़ा रुख
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के तहत अमेरिका में अप्रवासियों पर शिकंजा और कसा जा रहा है। उनकी सरकार ने इमिग्रेशन जजों पर मामलों को तेजी से निपटाने का दबाव डाला था। पिछले महीने, न्याय विभाग ने उन गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता भी रोक दी जो डिपोर्टेशन का सामना कर रहे प्रवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं। यह ट्रंप की सामूहिक निर्वासन नीति और संघीय सरकार के आकार को कम करने की प्राथमिकताओं का हिस्सा है।
कनाडा की इमिग्रेशन नीति पर असर
अमेरिका में इमिग्रेशन प्रक्रिया में हो रहे बदलावों का असर कनाडा पर भी पड़ रहा है। कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटिजनशिप विभाग (IRCC) ने अगले तीन वर्षों में अपने कर्मचारियों की संख्या में 25% कटौती करने की घोषणा की है, जबकि वहां पहले से ही 22 लाख आवेदन लंबित हैं। इससे कनाडा में स्थायी निवास (PR) प्रक्रिया भी धीमी हो सकती है।
इमिग्रेशन प्रक्रिया में देरी – बढ़ती चिंता
अमेरिका में रहने वाले पंजाबी समुदाय के सदस्य राणा टुट का कहना है कि आव्रजन अदालतों में बढ़ती देरी के कारण अवैध अप्रवासियों की संख्या बढ़ रही है। कानूनी प्रक्रियाओं में लगने वाले लंबे समय के कारण कई प्रवासी अपने समुदायों में स्थायी रूप से बस जाते हैं, जिससे निर्वासन की प्रक्रिया और जटिल हो जाती है। धीमी इमिग्रेशन प्रक्रिया का सबसे अधिक नुकसान पंजाबी युवाओं को होने की संभावना है।
हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिक
- 5 फरवरी: 104 भारतीय, जिनमें 30 पंजाबी शामिल
- 15 फरवरी: 116 भारतीय, जिनमें 67 पंजाबी शामिल
- 16 फरवरी: 112 भारतीय, जिनमें 31 पंजाबी शामिल
अमेरिका में अप्रवासियों के खिलाफ जारी इस सख्त कार्रवाई के बीच, 14 लाख पंजाबी प्रवासियों का भविष्य अधर में लटक गया है। अब सबकी नजर इस पर है कि आगे ट्रंप प्रशासन कौन से नए फैसले लेता है।