खनौरी बॉर्डर, 12 फरवरी:
जींद के खनौरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ के मौके पर आज एक विशाल महापंचायत आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न किसान संगठनों के नेता और देशभर से आए किसान शामिल हुए। महापंचायत की शुरुआत के तुरंत बाद ही किसान नेता बलदेव सिरसा को दिल का दौरा पड़ गया, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
महापंचायत के लिए किसानों के जत्थे लगातार खनौरी बॉर्डर पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत अरदास के साथ हुई, जिसमें किसान संगठनों के प्रमुख नेता मौजूद रहे। किसान अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं और विशेष रूप से जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में खड़े हैं।
एमएसपी और अन्य मांगों पर सरकार से टकराव जारी
किसान नेताओं का कहना है कि अगर वे अभी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष नहीं करते, तो भविष्य में खेती-किसानी पर गंभीर खतरा मंडराएगा। उनकी मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी शामिल है, जिसे लेकर सरकार से उनकी बातचीत जारी है। 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ प्रस्तावित बैठक के लिए भी किसान संगठनों ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है।
महापंचायत के दौरान नरवाना रोड से पैदल मार्च करते हुए कई किसान जत्थे खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इस बीच, रत्नपुरा मोर्चे से इंद्रजीत सिंह पन्नीवाल, संदीप सिंह, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, और मनप्रीत सिंह सहित अन्य किसान नेता भी मौजूद रहे।
प्रशासन सतर्क, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
महापंचायत के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है। खनौरी बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों की 12 कंपनियां और पुलिस की कई टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
किसान आंदोलन को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, किसान अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।