खनौरी (पंजाब), 13 जनवरी:
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत 49वें दिन गंभीर हो गई है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हड्डियां, खासकर आंखों के पास, सिकुड़नी शुरू हो गई हैं, जो बेहद चिंताजनक है। इसके अलावा उनके रक्तचाप, शुगर और अन्य परीक्षण भी सामान्य नहीं हैं। उनकी हालत पर डॉक्टरों की एक टीम 24 घंटे निगरानी रख रही है।
इसी बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा द्वारा आपसी तालमेल के लिए आज पातरण में बैठक होगी। पहले यह बैठक 15 जनवरी को पटियाला में तय की गई थी, लेकिन अब इसे पातरण में आयोजित किया जाएगा। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ के अनुसार, दोनों मोर्चों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पातरण में इस बैठक में शामिल होगा।
रविवार को हिसार से किसानों का एक बड़ा जत्था डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा। किसानों ने कहा कि डल्लेवाल पूरे देश के किसानों के नेता हैं, और उनके लिए हर किसान अपनी जान देने के लिए तैयार है। सोमवार को सोनीपत से भी किसानों का जत्था खनौरी मोर्चे पर पहुंचेगा।
डल्लेवाल ने संतों और धर्मगुरुओं को लिखी चिट्ठी
रविवार को दोनों मोर्चों ने डल्लेवाल द्वारा संतों, महापुरुषों और धर्मगुरुओं को लिखी चिट्ठी साझा की। इस चिट्ठी में डल्लेवाल ने बताया कि वह किसानों से किए गए वादों को पूरा कराने के लिए आमरण अनशन पर हैं। पिछले 11 महीनों से किसान सड़कों पर बैठे हैं। आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में एक किसान शहीद हुआ, पांच किसानों की आंखों की रोशनी चली गई, और 434 किसान घायल हो गए। प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी चिट्ठी भेजी गई, लेकिन किसी ने किसानों की बातों पर गौर नहीं किया। डल्लेवाल ने सभी से मोर्चे की मजबूती और जीत के लिए परमात्मा/वाहेगुरु/अल्लाह से प्रार्थना करने की अपील की है।
किसान जग्गा सिंह की मौत
फरीदकोट जिले के गोदारा गांव के 80 वर्षीय किसान जग्गा सिंह की बीते रविवार को खनौरी बॉर्डर पर अचानक तबियत खराब हो गई थी। उन्हें इलाज के लिए पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार दोपहर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत और एक और किसान की मौत ने खनौरी बॉर्डर पर किसानों के दुख को और बढ़ा दिया है। उनका संघर्ष जारी है, और वे न्याय और समाधान की उम्मीद में डटे हुए हैं।