हिमाचल प्रदेश, 24 फरवरी:
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के सभी 55 टोल बैरियर पर चरणबद्ध तरीके से FASTag आधारित एंट्री टैक्स वसूली प्रणाली शुरू करने जा रही है। इस नई व्यवस्था से एंट्री टैक्स भुगतान की प्रक्रिया सुगम होगी और यात्रियों को राज्य में प्रवेश करने के दौरान लंबी प्रतीक्षा से राहत मिलेगी।
पहले चरण में छह स्थानों पर होगी शुरुआत
प्रारंभिक चरण में यह सुविधा छह महत्वपूर्ण स्थानों पर लागू की जाएगी: बिलासपुर जिले के गरामौरा, सोलन जिले के परवाणू (मुख्य) और टिपरा बाईपास, सिरमौर जिले के गोविंदघाट, कांगड़ा जिले के कंडवाल, ऊना जिले के महतपुर और सोलन जिले के बद्दी में।
आय में वृद्धि और टोल लीजधारकों की जिम्मेदारी
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी एंट्री टैक्स बैरियर को नीलामी-कम-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इस नई प्रणाली से वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 7.5% अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
जिन टोल लीजधारकों को चुने गए बैरियर सौंपे जाएंगे, उन्हें 45 दिनों के भीतर FASTag प्रणाली को पूरी तरह से लागू करना होगा। यदि वे निर्धारित समयसीमा में ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनकी लीज़ रद्द कर दी जाएगी। सभी लागतें, जैसे कि जारीकर्ता बैंक, NPCI, IHMCL और अधिग्रहण बैंक से जुड़ी फीस, लीजधारकों को स्वयं वहन करनी होंगी। वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस परियोजना को समय पर लागू कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
टोल ऑपरेटरों के लिए नियम
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि टोल संचालकों को अपने खर्चे पर FASTag प्रणाली लागू करने की लिखित सहमति देनी होगी। साथ ही, उन्हें 24 घंटे के भीतर आने-जाने वाले यात्रियों को रसीद जारी करनी होगी। किसी भी हालत में स्वीकृत टोल दरों से अधिक शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं होगी।
FASTag आधारित एंट्री टैक्स प्रणाली को लागू कर हिमाचल प्रदेश सरकार टोल बैरियर पर दक्षता बढ़ाने, ट्रैफिक भीड़ को कम करने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।