हरियाणा, 13 फरवरी:
किसान आंदोलन को एक साल पूरा होने पर आज शंभू बॉर्डर पर किसान महापंचायत आयोजित की गई। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) से जुड़े सुखजीत सिंह के नेतृत्व में किसान जत्था शंभू बॉर्डर पहुंचा, वहीं आंदोलन की वर्षगांठ पर कई अन्य किसान संगठनों ने रक्तदान कर अपनी एकजुटता दिखाई।
इस दौरान किसान यूनियन शहीद भगत सिंह हरियाणा के अध्यक्ष जय सिंह जलबेड़ा और उनके समर्थकों को पुलिस ने बैरिकेड के आगे बढ़ने से रोक दिया। इससे नाराज किसानों ने पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। विरोध के बीच किसानों ने पुलिस बैरिकेड को हटाकर जबरदस्ती अपने वाहन मोर्चे तक ले गए।
पुलिस प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि वे किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं। अधिकारियों ने बताया कि मोर्चे की मुख्य स्टेज पर पहले ही काफी भीड़ है, इसलिए गाड़ियों को वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने यह भी कहा कि यदि प्रदर्शनकारी पुलिस से ही भिड़ने लगेंगे, तो सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का कोई फायदा नहीं होगा।
वहीं, जय सिंह जलबेड़ा ने सरकार पर किसानों को महापंचायत में शामिल होने से रोकने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार, केंद्र सरकार की तरह ही किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। यह आंदोलन पिछले एक साल से हमारा घर बना हुआ है, और हमें अपने ही घर जाने से रोकना, प्रशासन की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं।”