हिमाचल प्रदेश, 11 फरवरी:
हिमाचल प्रदेश में अब बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में बेटे के बराबर अधिकार मिलेगा। राज्य सरकार ने 51 साल पुराने ‘हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972’ में महत्वपूर्ण संशोधन किया है, जिससे बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार मिल सके। हिमाचल प्रदेश विधानसभा से पारित इस संशोधित लैंड सीलिंग बिल को अब राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है।
अप्रैल 2023 में विधानसभा द्वारा पारित इस विधेयक में संशोधन के बाद, व्यस्क बेटियों—चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित—को भी अब एक अलग इकाई माना जाएगा, जिससे वे 150 बीघा तक भूमि के स्वामित्व का दावा कर सकेंगी। पहले यह अधिकार केवल बेटों को मिलता था।
राज्य सरकार ने अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा 4 में ‘पुत्र’ शब्द के बाद ‘या पुत्री’ जोड़ दिया है, जिससे अब बेटियां भी कानूनी रूप से बेटे के समान संपत्ति अधिकार रख सकेंगी। इससे पहले, अधिनियम में केवल व्यस्क पुत्र को ही एक अलग इकाई मानते हुए अधिकतम 150 बीघा भूमि तक का हक दिया जाता था, जबकि बेटियां इस प्रावधान से वंचित थीं।
इस संशोधन को लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे हिमाचल प्रदेश में बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में न्यायसंगत अधिकार मिलेगा।