चंडीगढ़, 29 जनवरी:
चंडीगढ़ ट्राइसिटी में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना को लेकर रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में आर्थिक और वित्तीय चुनौतियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मेट्रो परियोजना का वित्तीय और आर्थिक लाभ अपेक्षाकृत कम है, जिससे इस महत्वाकांक्षी योजना के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
राइट्स की रिपोर्ट में बताया गया कि चंडीगढ़ का वित्तीय आंतरिक लाभ दर (एफआईआरआर) केवल 6.4% है, जो अन्य शहरों के मुकाबले काफी कम है। रिपोर्ट में कोच्चि (5.88%), अहमदाबाद (9.70%), और जयपुर (8.24%) के आंकड़ों से तुलना की गई है, जिससे चंडीगढ़ के आंकड़े पीछे नजर आते हैं। इसी तरह, चंडीगढ़ का आर्थिक आंतरिक लाभ दर (ईआईआरआर) 14.92% है, जो कि कोच्चि (15.94%), अहमदाबाद (19.94%) और जयपुर (18.6%) से भी कम है।
राइट्स ने अधिकारियों से अन्य शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट के परिणामों और आंकड़ों को शामिल करने के लिए और अधिक जानकारी देने का अनुरोध किया है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 18 फरवरी को एक और बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अतिरिक्त जानकारी प्रस्तुत की जाएगी।
प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने पहले भी मेट्रो परियोजना की व्यवहार्यता पर सवाल उठाए थे और सवारियों की संख्या और संभावित खर्चों के तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह समिति यह भी देख रही है कि अगर मेट्रो चंडीगढ़ के लिए उपयुक्त नहीं है, तो शहर में यातायात जाम कम करने के लिए अन्य उपायों पर विचार किया जा सके।
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में पॉड टैक्सी शुरू करने का सुझाव भी दिया था, जो एक वैकल्पिक समाधान हो सकता है।
एफआईआरआर और ईआईआरआर के बारे में जानकारी:
- एफआईआरआर: यह एक वित्तीय संकेतक है, जो किसी परियोजना के निवेश पर होने वाले लाभ का माप करता है और इसका उपयोग निवेश निर्णय लेने में किया जाता है।
- ईआईआरआर: यह किसी परियोजना के आर्थिक, वित्तीय, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों का आकलन करने के लिए इस्तेमाल होता है।
एफआईआरआर:
- चंडीगढ़: 6.4%
- कोच्चि: 5.88%
- अहमदाबाद: 9.70%
- जयपुर: 8.24%
ईआईआरआर:
- चंडीगढ़: 14.92%
- कोच्चि: 15.94%
- अहमदाबाद: 19.94%
- जयपुर: 18.6%