कनाडा, 10 दिसंबर:
कनाडा में सिखों, खासकर पगड़ी और दाढ़ी रखने वाले सिखों के खिलाफ नस्लीय और घृणा अपराधों में वृद्धि ने भारत में चिंता की लहर पैदा कर दी है, खासकर उन अभिभावकों में जो कनाडा में पढ़ाई या काम करने वाले अपने बच्चों के बारे में चिंतित हैं। हाल ही में हुई हत्याओं ने सिख समुदाय के बीच चिंता और भी बढ़ा दी है।
कनाडा में नस्लीय हमलों की वृद्धि
इतिहासकार और प्रसिद्ध प्रोफेसर कुणाल का कहना है कि कनाडा में नस्लीय हिंसा की घटनाएं 1907 से शुरू हो चुकी हैं, जब बेलिंगहम रेस दंगे में मुख्य रूप से सिखों को निशाना बनाया गया था। 1914 में हुई कामागाटामारू घटना, जिसमें 376 भारतीय यात्रियों, जिनमें ज्यादातर सिख थे, को कनाडा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया और उन्हें भारत वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया, ने अप्रवासी विरोधी भावनाओं को और बढ़ावा दिया। हालांकि कुछ समय के लिए ऐसी घटनाएं कम हो गईं, लेकिन अब ये फिर से बढ़ रही हैं, जो चिंता का कारण बन गई हैं।
पंजाबी समुदाय में बढ़ी चिंता
कनाडा के प्रसिद्ध लेखक सुखविंदर सिंह चोहला का कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं से पंजाबी समुदाय परेशान है। इस प्रकार की घटनाएं दिल दहला देने वाली हैं और सिख समाज में चिंता होना स्वाभाविक है। कई पंजाबी युवा बेहतर रोजगार और सुनहरे भविष्य के लिए कनाडा आए थे। 2019 में, कनाडा के सांसद और एनडीपी नेता जगमीत सिंह को पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा (पीपीसी) के उम्मीदवार मार्क फ्राइसन द्वारा एक नस्लवादी ट्वीट में निशाना बनाया गया था, जिसमें सिंह की पगड़ी को एक बम के रूप में दिखाया गया था, जिसे कनाडा के एंटी-हेट नेटवर्क सहित व्यापक रूप से निंदा की गई थी।
अभिभावकों का दर्द
बलवंत सिंह, जिनके बच्चे कनाडा में शिक्षा प्राप्त करने के लिए गए थे, कहते हैं कि जब उनकी परिवार ने वहां नए जीवन की शुरुआत की थी, तो उन्हें खुशी थी, लेकिन अब ये हिंसक घटनाएं उन्हें बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं। वे कहते हैं, “एक 20 वर्षीय बच्चा जो मेहनत कर रहा है, उसे नौकरी करते हुए गोली मारकर मार दिया जाए, यह दिल को तोड़ने वाली घटना है।”
कनाडा में हालिया हत्याएं:
- तरनतारन के गांव नंदपुर निवासी दो भाइयों को कनाडा के ब्रैम्पटन में हमलावरों ने गोली मार दी। एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा अस्पताल में भर्ती है।
- कनाडा के एडमॉन्टन में एक 20 वर्षीय सुरक्षा गार्ड हरशंदेप सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- लुधियाना के 22 वर्षीय गुरसीस सिंह को कनाडा के सरनिया में उसके साथ रह रहे युवक ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी।
- वैंकूवर में रिपुदमन सिंह मलिक को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- सितंबर में अल्बर्टा के डाउनटाउन एडमॉन्टन में एक 22 वर्षीय सिख युवक जश्नदीप सिंह मान की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई।
- कनाडा के एडमॉन्टन में एक सिख शख्स हरप्रीत सिंह उप्पल और उसके 11 वर्षीय बेटे को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- अल्बर्टा इलाके में एक 24 वर्षीय सिख युवक सनराज की हत्या की गई, शरीर पर गोलियों के निशान मिले।
- हरप्रीत कौर की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
- ओंटारियो प्रांत में एक 21 वर्षीय कनाडाई सिख महिला पवनप्रीत कौर को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- नोवा स्कोटिया प्रांत में 23 वर्षीय भारतीय सिख प्रभजोत सिंह कटरी को चाकू से मारकर हत्या कर दी गई।
- जसकरण सिंह, जो दो साल पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गए थे, की हत्या कर दी गई।
- मनजोत सिंह (25) की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई।
इन बढ़ते हिंसक हमलों ने कनाडा में सिख समुदाय के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता और असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, और इसके समाधान की दिशा में अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।