हरियाणा, 30 जनवरी:
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कर रहे निजी अस्पतालों को सरकार से ₹450 करोड़ की भुगतान देरी का सामना करना पड़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा ने चेतावनी दी है कि अगर 2 फरवरी तक लंबित राशि का भुगतान नहीं हुआ तो राज्यभर के 700 निजी अस्पताल 3 फरवरी से योजना के तहत इलाज बंद कर देंगे। यह जानकारी IMA हरियाणा के राज्य अध्यक्ष डॉ. महावीर पी. जैन ने दी।
भुगतान में देरी से अस्पतालों पर संकट
आयुष्मान भारत योजना, जिसे 2018 में शुरू किया गया था, गरीब और जरूरतमंद लोगों को हर साल ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान करती है। इसमें सामान्य स्वास्थ्य जांच से लेकर जटिल सर्जरी तक की सुविधाएं शामिल हैं। हरियाणा में इस योजना के तहत लगभग 1,300 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें करीब 600 निजी अस्पताल हैं। इस योजना के तहत राज्य के करीब 1.2 करोड़ लोग लाभार्थी हैं।
डॉ. जैन के अनुसार, भुगतान में लगातार हो रही देरी के कारण अस्पतालों को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल बिना भुगतान के अपने खर्चों का प्रबंधन करने में असमर्थ हैं, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द बकाया राशि जारी करनी चाहिए।
IMA ने मुख्यमंत्री से की थी शिकायत
IMA अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया गया था। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने तत्काल धनराशि जारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक अस्पतालों को बकाया भुगतान नहीं मिला है। IMA हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र के. सोनी ने बताया कि जिलों से स्वीकृत राशि को मुख्यालय स्तर पर कटौती करके जारी किया जाता है, जिससे अस्पतालों को परेशानी होती है। इसके अलावा, कई महीनों तक भुगतान न होने के कारण अस्पतालों का संचालन मुश्किल हो गया है।
IMA की मुख्य मांगें
IMA हरियाणा ने इस समस्या के समाधान के लिए कुछ मुख्य मांगें रखी हैं:
- लंबित सभी भुगतानों का तत्काल निपटारा किया जाए।
- जिला स्तर पर स्वीकृत राशि में कोई कटौती न की जाए।
- आयुष्मान भारत योजना के लिए हर साल राज्य बजट में ₹2,000 करोड़ आवंटित किए जाएं।
- भुगतान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए TMS पोर्टल 2 में सुधार किया जाए।
- समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक निर्धारित भुगतान रोस्टर तैयार किया जाए।
सरकार ने शीघ्र भुगतान का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार अस्पतालों के भुगतान को लेकर गंभीर है। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2025 को राज्य सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत लगभग ₹760 करोड़ का भुगतान कर दिया है और शेष ₹200 करोड़ भी जल्द जारी किए जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी अस्पताल को योजना के तहत इलाज करने में वित्तीय दिक्कत नहीं होगी।
हालांकि, अगर सरकार जल्द कोई समाधान नहीं निकालती है तो 3 फरवरी से निजी अस्पतालों में इलाज बंद होने की संभावना है, जिससे लाखों मरीज प्रभावित हो सकते हैं।