चंडीगढ़, दिसम्बर 24:
चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक मंगलवार को सियासी उठापटक और हंगामे का केंद्र बन गई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों ने भाजपा पार्षद अनिल मसीह को “वोट चोर” कहते हुए सदन में पोस्टर लहराए और नारेबाजी की। इस आरोप के जवाब में मसीह ने सदन के वेल में पहुंचकर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस के कई नेता, जिनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं, जमानत पर हैं।
चंडीगढ़ सदन में “वोट चोर” विवाद पर अनिल मसीह का गुस्सा, कांग्रेस-भा.जा. में हुई हाथापाई। मसीह ने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसा, पोस्टर लहराने पर भाजपा पार्षदों ने किया विरोध। हंगामा और नारेबाजी से सदन की कार्यवाही प्रभावित। #Chandigarh #PoliticalDrama #AnilMasih https://t.co/6LPTXG9bd8
— UpFront News (@upfrontltstnews) December 24, 2024
इस बयान के बाद सदन का माहौल और गर्मा गया। कांग्रेस और आप के पार्षद मसीह के पास पहुंचे और दोबारा पोस्टर लहराने लगे। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने पोस्टर छीनने की कोशिश की, जिससे सदन में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने आरोप लगाया कि भाजपा के वरिष्ठ उपमहापौर कुलजीत सिंह संधू ने उनके हाथ से पोस्टर छीनने की कोशिश की।
बैठक की शुरुआत में कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान के लिए माफी की मांग की। कांग्रेस और आप के पार्षदों ने शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रस्ताव पारित करने की मांग की। इस पर भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस को याद दिलाया कि नेहरू के समय में आंबेडकर का अपमान किया गया था।
इसके अलावा, आप और कांग्रेस पार्षदों ने बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर भी सदन में तीखी बहस हुई।
बैठक के दौरान हुए इस हंगामे और धक्का-मुक्की ने सदन की कार्यवाही को बाधित कर दिया। बैठक बिना किसी ठोस निष्कर्ष के खत्म हो गई, लेकिन यह घटनाक्रम चंडीगढ़ की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा।