भा.ज.पा. उम्मीदवार मनप्रीत बादल की तीखी आलोचना करते हुए गिद्दड़बाहा से ‘आप’ उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने युवाओं को सरकारी नौकरियां देने के उनके वादों को झूठा करार दिया है। डिंपी ढिल्लों ने बादल पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भ्रमित करने वाले दावे किए हैं, जो आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।
इस मुद्दे पर बात करते हुए डिंपी ढिल्लों ने कहा, “मनप्रीत बादल का गिद्दड़बाहा के लोगों को गुमराह करने का लंबा इतिहास रहा है। वे 16 साल तक इस हलके का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वित्त मंत्री भी रहे हैं, लेकिन फिर भी युवाओं को नौकरियां देने में नाकाम रहे हैं। अब चुनावों के दौरान वे फिर से युवाओं को नौकरियां देने के खोखले वादे कर रहे हैं। यदि आप सत्ता में रहते हुए कुछ नहीं कर सके, तो अब गिद्दड़बाहा आपके ऊपर विश्वास क्यों करे? ये सारे वादे एक बार फिर लोगों को गुमराह करने की कोशिश हैं।”
डिंपी ढिल्लों ने आगे कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरियां देने के बादल के दावे न केवल बेबुनियाद हैं, बल्कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन भी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि वे ऐसे बेबुनियाद वादे करने वाले बादल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें।
डिंपी ढिल्लों ने कहा कि गिद्दड़बाहा के लोग इस से बेहतर के हकदार हैं। “यह जिम्मेदारी और पारदर्शिता का समय है। पंजाब के लोग झूठे वादों से तंग आ चुके हैं। हम, ‘आप’ में, युवाओं के लिए असल मौके पैदा करने और क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए वचनबद्ध हैं। मान सरकार ने अब तक 45,000 युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं।”
‘आप’ के नेता नील गर्ग ने भी मनप्रीत बादल के भ्रमित करने वाले बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसे नेता को देखकर हैरान हूं जिसे लोगों द्वारा ऐसे बेबुनियाद दावों के कारण नकारा गया है। पिछले 21 सालों से मनप्रीत बादल अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे उन युवाओं की सूची जारी करें जिन्हें उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नौकरी दी। गिद्दड़बाहा के लोग सच्चाई जानते हैं, और वे अब उनकी झूठी बातों से मूर्ख नहीं बनेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि मनप्रीत बादल की जनता को गुमराह करने की ताजा कोशिश यह साबित करती है कि वे असलियत से बहुत दूर हैं। अगर वे सत्ता में रहते हुए युवाओं को नौकरियां नहीं दे सके, तो उनके नए वादों पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं है। गिद्दड़बाहा के लोग पहले ही नकार चुके हैं और इस बार भी वे उनके झूठे दावों में नहीं आएंगे।