चंडीगढ़, 12 दिसंबर
किसानों के आंदोलन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करते हुए, विपक्ष के नेता (एलओपी), प्रताप सिंह बाजवा ने गुरुवार को पूछा कि केंद्र सरकार किसानों के शांतिपूर्ण विरोध से इतनी डरी हुई क्यों है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाजवा ने कहा कि लंदन में वेस्टमिनिस्टर इंग्लैंड के किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के कारण ट्रैक्टरों से भर गए हैं। किसानों को तितर-बितर करने के लिए न तो सरकार और न ही स्कॉटलैंड यार्ड ने बल प्रयोग किया। उन्होंने बल का उपयोग नहीं किया क्योंकि वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, “इसके विपरीत, भाजपा नीत केंद्र सरकार के निर्देशन में हरियाणा में भाजपा सरकार ने निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे किसानों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा की भाजपा सरकार ने इस तरह बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग लगा दी है जैसे पंजाब भारत का हिस्सा ही नहीं है।
कादीआं के विधायक बाजवा ने कहा कि किसानों की जायज मांगों के प्रति भाजपा के अत्याचारी रवैये से बेहद निराश होकर किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 17 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। उनकी तबीयत अब बिगड़ रही है। अगर कुछ अनहोनी होती है तो इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी। पंजाब की कानून व्यवस्था दांव पर है।
किसानों के शांतिपूर्ण पदयात्रा को दबाने के लिए भाजपा द्वारा अपनाए गए अलोकतांत्रिक तरीकों पर सवालों की झड़ी लगाते हुए बाजवा ने कहा, “क्या भाजपा किसानों को इस देश का नागरिक नहीं मानती? भाजपा किसानों द्वारा शांतिपूर्वक अपने अधिकारों की मांग करने से इतनी डरी हुई क्यों है? क्या इस तरह भाजपा लोकतंत्र की रक्षा कर रही है?