चंडीगढ़, 9 दिसंबर:
हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट को लेकर भाजपा में घमासान मचा हुआ है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पवार के इसराना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद यह सीट भरी जानी है। इस्तीफे के कारण यह सीट खाली होने के बाद आज यह तय हो जाएगा कि पार्टी इस पर किस पर भरोसा करती है। सबकी निगाहें भाजपा केंद्रीय कार्यालय पर टिकी हैं, जहां से आज शाम तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने की उम्मीद है। राज्यसभा सीट पर स्थिति ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पवार के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी। राज्यसभा के इस कार्यकाल में अभी करीब चार साल का समय बाकी है। इसलिए भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और युवा चेहरे इस दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं। चूंकि भाजपा के पास पर्याप्त संख्या है, इसलिए यह तय है कि जिसे भी उम्मीदवार घोषित किया जाएगा, वह निर्विरोध राज्यसभा पहुंच जाएगा।
नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक
हरियाणा राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन 3 दिसंबर से शुरू हो चुके हैं, जिसकी अंतिम तिथि 10 दिसंबर है। 11 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। जरूरत पड़ने पर 20 दिसंबर को मतदान होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी और 24 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि अब सिर्फ दो दिन दूर है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा आज शाम तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगी। सूत्रों के मुताबिक उम्मीदवार का नाम फाइनल होने के बाद कल यानी अगले दिन नामांकन दाखिल किया जाएगा।
कौन हो सकता है उम्मीदवार?
भाजपा के अंदरखाने से आ रही चर्चाओं के मुताबिक इस सीट के लिए हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व सांसद संजय भाटिया, पूर्व मंत्री डॉ. बनवारी लाल, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और कुलदीप बिश्नोई का नाम संभावित उम्मीदवारों के तौर पर सामने आ रहा है। हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की बात करें तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनकी कार्यशैली से काफी खुश है। बड़ौली के नेतृत्व में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। इसके अलावा हरियाणा में भाजपा सदस्यता अभियान के नतीजों से भाजपा हाईकमान खुश है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की काफी तारीफ की है। अगर पूर्व सांसद संजय भाटिया की बात करें तो संजय भाटिया केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के काफी करीबी हैं और लोकसभा चुनाव में संजय भाटिया ने मनोहर लाल के लिए सीट छोड़ी थी इसके अलावा संघ में भी संजय भाटिया की अच्छी पकड़ है। अगर पूर्व मंत्री डॉ बनवारी लाल की बात करें तो सबसे पहले तो वह पार्टी में दलित चेहरा हैं क्योंकि कृष्ण पावर दलित नेता हैं इसलिए उनकी जगह पार्टी किसी दलित उम्मीदवार को मौका दे सकती है। वैसे भी डॉ बनवारी लाल एक साफ सुथरी छवि वाले व्यक्ति हैं। विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था और वह मनोहर लाल के करीबी हैं। हालांकि, दावेदारी में पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल का नाम भी चर्चा में है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर उन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया था, जिसमें वह चुनाव हार गई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई का नाम भी इस चुनाव के लिए सामने आ रहा है। ऐसे में अब पार्टी की कोशिश ऐसे चेहरे को चुनने की होगी, जो आगामी चुनाव में पार्टी के लिए उपयोगी साबित हो सके। पिछला रिकॉर्ड और संभावित संकेत भाजपा ने पहले भी ऐसे नेताओं को राज्यसभा भेजा है, जो या तो संगठन के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं या जिनका मजबूत जनाधार है। ऐसे में इस बार भी संभावना है कि पार्टी ऐसे नेता को चुनेगी, जो हरियाणा में पार्टी के एजेंडे को और मजबूत कर सके।
राजनीतिक समीकरण पर असर
यह सीट भाजपा के लिए सिर्फ राज्यसभा में प्रतिनिधित्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए हरियाणा में संगठन को मजबूत करने की भी कोशिश होगी। माना जा रहा है कि जिस नेता को चुना जाएगा, वह हरियाणा की राजनीति में भाजपा की स्थिति को और मजबूत करेगा।