पंजाब, 25 फरवरी:
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन कृषि मंडीकरण नीति को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया गया। यह निर्णय किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े हितधारकों की चिंताओं के मद्देनजर लिया गया।
इस बीच, कैबिनेट मंत्री रवजोत सिंह ने सदन में घोषणा की कि राज्य के 10 जिलों में एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर खोले जाएंगे। यह फैसला आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और डॉग बाइट की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। विधायकों ने सदन में चिंता जताई कि राज्य में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे हाल ही में संगरूर में तीन बच्चों की मौत हो गई थी।
विधानसभा में अन्य मुद्दों पर चर्चा
प्रश्नकाल के दौरान मंत्री तरुणप्रीत ने जानकारी दी कि पंचायत समितियों और ब्लॉक स्तर पर 10 से 15 वर्षों से एक ही पद पर तैनात कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा। वहीं, स्पीकर ने सरपंचों की गरिमा बनाए रखने और पंचायतों में उनके सम्मान की बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया।
बिजली विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप, सदन में हंगामा
विधानसभा में उस समय विवाद बढ़ गया जब विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से दिल्ली चुनाव के लिए धन जुटाने का दबाव डाला गया था। इस मुद्दे पर बाजवा और बिजली मंत्री के बीच तीखी बहस हो गई।
बाजवा ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व विजिलेंस अधिकारी ने 48 भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार की थी, जिसे मुख्य सचिव को भेजा गया था। लेकिन इसके बाद उस अधिकारी को ही पद से हटा दिया गया।
अवैध कॉलोनियों और रेरा सर्टिफिकेट को लेकर चर्चा
अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने राज्य में अवैध कॉलोनियों के बढ़ते निर्माण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध निर्माण रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन दूसरी ओर रेरा से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिलने में देरी होती है। उन्होंने आग्रह किया कि इस प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि अनधिकृत कॉलोनियों को बढ़ने से रोका जा सके।
जहरीली शराब कांड और राजनीतिक आरोप
मंत्री अमन अरोड़ा ने पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में तरनतारन में जहरीली शराब पीने से 130 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में तत्कालीन सरकार के कई मंत्री और विधायक शामिल थे, लेकिन प्रभावशाली हस्तियों के दबाव में कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
पूर्व ईडी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने भी इस मामले पर खुलासा किया कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी थी।
आंबेडकर की तस्वीर हटाने पर निंदा प्रस्ताव
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने सदन में दावा किया कि दिल्ली में भाजपा सरकार ने संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हटा दी है, जो उनके अपमान के समान है। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताई और कहा कि इस विषय पर सदन में गहन चर्चा होनी चाहिए।
पंजाब विधानसभा के इस सत्र में कृषि, पंचायत, प्रशासन और भ्रष्टाचार जैसे प्रमुख मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिली। आने वाले दिनों में इन मामलों की जांच और फैसलों पर राज्य की राजनीति का रुख तय होगा।