अमृतसर, 11 फरवरी:
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह को अंतरिम जत्थेदार नियुक्त किया गया है।
यह फैसला सोमवार को SGPC की कार्यकारिणी बैठक में लिया गया, जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ गठित जांच समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया गया।
SGPC का निर्णय और जांच के निष्कर्ष
SGPC के सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि यह फैसला जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें अधिकांश कार्यकारिणी सदस्यों ने सहमति जताई। हालांकि, तीन सदस्यों ने इस निर्णय पर असहमति व्यक्त की, लेकिन शेष सदस्यों ने बर्खास्तगी के पक्ष में मतदान किया।
जांच में जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया, जिससे तख्त साहिब की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। इस कारण SGPC ने ज्ञानी जगतार सिंह को अंतरिम जत्थेदार के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया।
क्या हैं आरोप?
16 दिसंबर 2024 को श्री मुक्तसर साहिब के निवासी गुरप्रीत सिंह ने SGPC अध्यक्ष के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप किया, जिससे उनका तलाक हो गया। शिकायतकर्ता, जो पहले SGPC के कर्मचारी थे, ने दावा किया कि इस घटना के कारण उनकी नौकरी चली गई और वे अवसाद में चले गए।
इसके अलावा, ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर सार्वजनिक मंचों से शिरोमणि अकाली दल (SAD) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के भी आरोप लगे हैं, जिससे अकाली दल को राजनीतिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा।
SGPC का यह निर्णय तख्त साहिब की गरिमा बनाए रखने और कमेटी की निष्पक्षता को बरकरार रखने के उद्देश्य से लिया गया है।