पंजाबी यूनिवर्सिटी ने एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम ऊषा) के तहत 20 करोड़ रुपये की ग्रांट प्राप्त की है। इस ग्रांट के लिए पंजाब की पांच यूनिवर्सिटी ने आवेदन किया था, जिनमें से केवल पंजाबी यूनिवर्सिटी ही यह ग्रांट प्राप्त कर सकी है।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. अरविंद ने इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए यूनिवर्सिटी के सभी स्टाफ और छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता यूनिवर्सिटी के स्टाफ और छात्रों की मेहनत का परिणाम है। प्रो. अरविंद ने बताया कि यह यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात है कि पीएम ऊषा के सभी मानदंडों को सिर्फ हमारी यूनिवर्सिटी ने ही पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता ने उनकी जिम्मेदारी और बढ़ा दी है और यूनिवर्सिटी के स्टाफ और छात्रों को अपना रुतबा कायम करने के लिए और मेहनत करनी होगी।
पीएम ऊषा के तहत यह ग्रांट तीन साल के लिए मिली है। यह ग्रांट यूजीसी एक्ट के तहत शिक्षा संस्थाओं को प्रदान की जाती है, और इसके लिए संस्थाओं को नैशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) से अच्छा स्कोर प्राप्त करना जरूरी होता है। पंजाबी यूनिवर्सिटी को अक्टूबर 2024 में NAAC से ‘A+’ ग्रेड मिला था, जिसके कारण वह इस ग्रांट को प्राप्त करने में सफल रही है।
पीएम ऊषा योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों तक शिक्षा के पहुंच को बढ़ाना है। इस योजना के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम, शिक्षकों की ट्रेनिंग, बुनियादी ढांचे, एक्रेडिटेशन और रोजगार क्षमता में सुधार करना है।
योजना के तहत पंजाबी यूनिवर्सिटी के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। नए कोर्सों के लिए कक्षा कक्ष, इमारतों की मरम्मत, सीवेज प्लांट, बहुमंजिला इमारतों के लिए लिफ्ट आदि का निर्माण किया जाएगा। इस ग्रांट के तहत यूनिवर्सिटी में स्थित खगोलीय वेधशाला को फिर से चालू किया जाएगा, नई डिजिटल लैब और नेटवर्क की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, और विज्ञान विभागों में नए कोर्सों के लिए लैब उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, उद्यमिता (इंटरप्रेन्योरशिप) और किटा मुखी कोर्सों के लिए ट्रेनिंग भी शुरू की जाएगी।