चंडीगढ़, दिसंबर 7:
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने शुक्रवार को राज्य में “नशा मुक्त रंगला पंजाब” अभियान का शुभारंभ किया। यह आयोजन सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया। इस अभियान के तहत सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय पहल “नशा मुक्त भारत अभियान” को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
अभियान का मुख्य आकर्षण “पीपुल्स वॉक अगेंस्ट ड्रग्स” है, जिसे रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक खुशवंत सिंह कर रहे हैं। यह कार्यक्रम 7 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोग नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने और एकजुटता दिखाने के लिए भाग लेंगे।
यह पदयात्रा 10 दिसंबर को व्यास गांव से, जो महान धावक सरदार फौजा सिंह का निवास स्थान है, शुरू होगी और उसी दिन जालंधर जिले के बाथे गांव में समाप्त होगी। इसके बाद, 11 दिसंबर को प्रतिभागी बाथे गांव से करतारपुर स्थित “जंग-ए-आजादी स्मारक” तक की यात्रा करेंगे।
राज्यपाल ने इस अभियान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह नशे के खिलाफ एकजुट होकर सामूहिक कार्रवाई करने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि वे स्वयं पदयात्रा के समापन दिवस पर इसमें भाग लेंगे।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा:
“जब मैंने पंजाब में कदम रखा, तो देखा कि नशे का प्रभाव यहां के लोगों में बहुत बढ़ गया है। बहुत से प्रयास पहले से हो चुके हैं, लेकिन और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। मैंने सोचा कि मैं इस अभियान में शामिल होकर इसे और बढ़ावा दूं। मैंने उनसे कहा था कि मैं भी उनके साथ पैदल चलने का प्रयास करूंगा, और 10 तारीख को इस अभियान को ज्वाइन करूंगा।
पहले हमारे परिवार का ढांचा मजबूत था, जिसमें हम हर बच्चे पर ध्यान देते थे, लेकिन अब समय की कमी के कारण हम बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। इस मुद्दे पर परिवार को भी जागरूक करने की जरूरत है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि बच्चों को खेलों में जोड़ा जाए, ताकि उनका समय सही दिशा में व्यतीत हो।
मैं सोचता हूं कि इसमें सबसे बड़ी मदद हमारे माताओं और बहनों से मिल सकती है। यदि परिवार में किसी लड़की या बच्चे का कोई नुकसान होता है, तो उस दर्द को एक माता या बहन ही समझ सकती है। हमें उन्हें इस अभियान से जोड़ने की जरूरत है।”
राज्यपाल ने यह भी बताया कि उन्होंने गांवों की समितियों और जन प्रतिनिधियों से चर्चा की है। उनका कहना है कि बीएसएफ, पुलिस, प्रशासन और स्थानीय जनसमुदाय के साथ मिलकर नशे की समस्या का समाधान निकालने का प्रयास जारी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गांव की समितियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे इस अभियान को सफल बना सकें।
राज्यपाल ने कहा “हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि हम युवा पीढ़ी को नशे से मुक्त कराएं, ताकि वे देश के निर्माण में योगदान दे सकें। इसके लिए हमें समाज के सभी वर्गों से सहयोग प्राप्त करना होगा। आने वाले दिनों में, हम विभिन्न धर्मगुरुओं और समाजसेवियों से मिलकर एक अभियान की योजना बनाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें।”
अभियान का उद्देश्य:
इस अभियान का उद्देश्य पंजाब में बढ़ते नशे के खतरे से निपटना और समाज को जागरूक करना है। साथ ही, युवाओं को खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में जोड़कर उनके जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का प्रयास किया जाएगा।