पंजाब, 14 फरवरी:
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार ने छठे वेतन आयोग से जुड़ा बकाया, लीव एनकैशमेंट और पेंशन एरियर जारी करने की मंजूरी दी है। इसके अलावा, निजी बिल्डरों द्वारा ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे की जमीन पर किए गए अनियमित निर्माण पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया गया है, जिससे गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।
गरीबों को मिलेगा प्लॉट
प्रदेश सरकार ने 700 एकड़ जमीन चिह्नित की है, जो या तो निजी बिल्डरों के कब्जे में थी या ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आरक्षित थी। अब सरकार इस जमीन को ओपन मार्केट में बेचकर 1500 एकड़ जमीन खरीदेगी और इसे जरूरतमंदों को प्लॉट के रूप में आवंटित करेगी।
3000 नई सरकारी नौकरियों की मंजूरी
पंजाब सरकार ने विभिन्न विभागों में 3000 नई भर्तियों को मंजूरी दी है। इसके अलावा, 24 और 25 फरवरी को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें सरकार लंबित विधायी कार्यों को पूरा करेगी।
कर्मचारियों और पेंशनर्स को बकाया भुगतान योजना
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जानकारी दी कि अप्रैल 2025 से बकाया भुगतान शुरू किया जाएगा और यह प्रक्रिया 2028 तक पूरी होगी। इससे राज्य सरकार पर हर महीने 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा और कुल 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बकाया भुगतान किया जाएगा।
इसमें 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2022 तक का संशोधित वेतन, पेंशन और लीव एनकैशमेंट एरियर शामिल है, साथ ही 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2024 तक का डीए और डीआर भी दिया जाएगा।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जिन निजी बिल्डरों ने ईडब्ल्यूएस कोटे की जमीनों पर अनधिकृत निर्माण किया है, उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।
नई भर्तियां और संस्थागत सुधार
- 22 नई लोक अदालतें स्थापित करने की मंजूरी।
- 476 नए अधिकारी आबकारी एवं कराधान विभाग में नियुक्त होंगे, जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगेगी।
- आबकारी निरीक्षकों का पदनाम बदलकर स्टेट टैक्सेशन ऑफिसर किया गया।
- 53 नए ड्राइवर पदों की मंजूरी।
- 2000 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती।
- स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप सी के तहत 822 नई भर्तियां।
- डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, एसएएस नगर में 97 नए पदों की मंजूरी।
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे से 50,000 नौकरियां
पंजाब कैबिनेट ने राजपुरा में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) स्थापित करने की मंजूरी दी है, जो अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (AKIC) का हिस्सा होगा। इस परियोजना से लगभग 32,724 औद्योगिक और 14,880 गैर-औद्योगिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
सरकार ने इस परियोजना के लिए भूमि हस्तांतरण से जुड़े स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य करों में छूट देने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देना और वैश्विक निवेश आकर्षित करना है।
वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से प्रॉपर्टी मालिकों को राहत
राज्य सरकार ने उन संपत्ति मालिकों के लिए राहत योजना लागू की है जो तय समय में भुगतान नहीं कर पाए या आवंटित प्लॉट पर निर्माण नहीं कर सके। इस योजना के तहत:
- डिफॉल्टर बकाया राशि बिना किसी जुर्माने के, केवल योजना ब्याज के साथ जमा कर सकते हैं।
- 50% तक गैर-निर्माण शुल्क माफ किया जाएगा।
- आईटी सिटी, एसएएस नगर और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में एक्सटेंशन फीस 2.5% होगी।
- आवंटियों को सभी शर्तें पूरी करने के लिए तीन साल का समय दिया जाएगा।
सरकार के ये फैसले रोजगार सृजन, आर्थिक सुधार और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देंगे।