पंजाब, 30 दिसंबर:
पंजाब में आज, 30 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है, जिसे किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) (गैर-राजनीतिक) ने बुलाया है। यह हड़ताल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में आयोजित की गई है, जो 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांगों में सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और 13 अन्य कृषि सुधार शामिल हैं।
किसान यूनियनों ने राज्यभर में 200 से अधिक स्थानों पर चक्का जाम की योजना बनाई है, जिससे दैनिक जीवन बाधित हो रहा है। सार्वजनिक परिवहन, जिसमें बस और ट्रेन सेवाएं शामिल हैं, बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 150 स्थानों पर रेल सेवाएं रद्द या विलंबित कर दी गई हैं।
List of trains cancelled due to #bharatbandh. pic.twitter.com/3qLgPiUQve
— UpFront News (@upfrontltstnews) December 30, 2024
पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (PRTC) ने भी अपनी बस सेवाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चार घंटे के लिए निलंबित कर दी हैं। बंद के कारण राजपुरा, मानसा और संगरूर जैसे प्रदर्शन स्थलों के पास स्थानीय बाजार बंद हैं, हालांकि पंजाब प्रदेश व्यापारी मंडल ने राज्यव्यापी बाजार बंद लागू नहीं किया है।
शैक्षणिक संस्थानों, विशेष रूप से पंजाब विश्वविद्यालय और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (GNDU) से जुड़े कॉलेजों ने अपनी परीक्षाएं पुनर्निर्धारित की हैं, जबकि अधिकांश स्कूल सर्दियों की छुट्टियों के कारण अप्रभावित हैं। चिकित्सा देखभाल और हवाई अड्डों जैसी आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं, लेकिन दूध वितरण, फल और सब्जियों की आपूर्ति और ईंधन परिवहन बाधित हैं। पेट्रोल पंप और एलपीजी एजेंसियां केवल आपातकालीन स्थितियों के लिए खुली हैं, जिससे असुविधा बढ़ गई है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने बंद के समर्थन में अपने कार्यालयों को राज्यव्यापी बंद कर दिया है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, जिनमें अस्पताल, क्लीनिक और शादियों व नौकरी के साक्षात्कार जैसी विशेष गतिविधियां शामिल हैं, कार्यात्मक बनी हुई हैं।
यह प्रदर्शन किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकार से किसानों के साथ संवाद शुरू करने का आग्रह किया है और उनकी चिंताओं को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और केंद्र से किसानों की मांगों को पूरा करने का निर्देश देने की अपील की है, जिसमें एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य सुधार शामिल हैं।
प्रदर्शन के हिस्से के रूप में, पंजाब के कई गुरुद्वारों ने प्रदर्शन स्थलों पर लंगर (निःशुल्क भोजन) का आयोजन किया है, जो एकजुटता प्रदर्शित करता है। बंद ने विभिन्न परिवहनकर्ताओं, कर्मचारियों, व्यापारियों और धार्मिक संगठनों का समर्थन भी प्राप्त किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आश्वासन दिया है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा और व्यापक सार्वजनिक भागीदारी के लिए आह्वान किया है। आयोजकों ने हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से भी आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया है।
बंद का प्रभाव पंजाब में गहराई तक महसूस किया जा रहा है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है और किसानों की न्याय व कृषि क्षेत्र में प्रणालीगत सुधारों की मांग को बल मिला है।