चंडीगढ़, 22 फरवरी:
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एडवोकेट्स (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रस्ताव के खिलाफ 24 फरवरी को काम से दूर रहने का निर्णय लिया है। यह फैसला 21 फरवरी को एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
कार्यकारी अध्यक्ष जसदेव सिंह ब्रार और मानद सचिव स्वर्ण सिंह तिवाना ने कहा कि यह कदम अधिनियम के प्रति उनकी गहरी असहमति को दर्शाता है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो वकीलों और न्यायपालिका के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
इस बीच, भारतीय बार काउंसिल (BCI) ने पहले ही इस विधेयक पर आपत्ति जताई है, जिसे 13 फरवरी को जनता की राय के लिए सार्वजनिक किया गया था। बीसीआई ने गंभीर चिंताओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि यदि इसे लागू किया जाता है, तो इसके कुछ प्रावधान कानूनी पेशे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं और इसकी स्वतंत्रता को कमजोर कर सकते हैं।