नई दिल्ली, 1 फरवरी:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (फरवरी 1) को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जो उनका लगातार आठवां बजट है। यह बजट वैश्विक अनिश्चितताओं और महामारी के बाद की आर्थिक चुनौतियों के बीच तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य मध्यम वर्ग पर कर बोझ को कम करना, आर्थिक विकास को गति देना और वित्तीय अनुशासन बनाए रखना है।
आर्थिक परिदृश्य: सतत विकास की दिशा में कदम
बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है। सर्वेक्षण में मध्यम अवधि के विकास को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक सुधारों और विनियमन में ढील की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। बजट में निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कर सुधार: मध्यम वर्ग के लिए ऐतिहासिक राहत
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। यह निर्णय करोड़ों करदाताओं के लिए बड़ी राहत है। संशोधित आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:
- 4 लाख रुपये तक: कोई कर नहीं
- 4-8 लाख रुपये: 5%
- 8-12 लाख रुपये: 10%
- 12-16 लाख रुपये: 15%
- 16-20 लाख रुपये: 20%
- 20-25 लाख रुपये: 24%
- 25 लाख रुपये से अधिक: 30%
12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को 80,000 रुपये की कर छूट मिलेगी, जबकि 18 लाख रुपये की आय पर 70,000 रुपये की छूट का लाभ मिलेगा। यह नया ढांचा कर प्रणाली को सरल और अधिक पारदर्शी बनाता है।
राजकोषीय घाटा और राजस्व अनुमान: संतुलित दृष्टिकोण
बजट में वित्तीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन बनाए रखते हुए निम्नलिखित आंकड़े प्रस्तुत किए गए:
- वित्त वर्ष 2025 की कुल प्राप्तियां: 31.47 लाख करोड़ रुपये
- शुद्ध कर प्राप्तियां (FY25): 25.5 लाख करोड़ रुपये
- राजकोषीय घाटा (FY25): GDP का 4.8%
- वित्त वर्ष 2026 की कुल प्राप्तियां: 34.96 लाख करोड़ रुपये
- कुल व्यय (FY26): 50.65 लाख करोड़ रुपये
- शुद्ध कर प्राप्तियां (FY26): 28.37 लाख करोड़ रुपये
- राजकोषीय घाटा (FY26): GDP का 4.4% (अनुमानित)
- पूंजीगत व्यय (FY25): 10.18 लाख करोड़ रुपये
क्षेत्रवार प्रमुख घोषणाएं: सर्वांगीण विकास का एजेंडा
- मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिक:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती सीमा 1 लाख रुपये तक दोगुनी।
- किराए पर TDS सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष।
- शिक्षा ऋण पर TCS माफ।
- बुनियादी ढांचा और परिवहन:
- बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों और मिथिलांचल क्षेत्र में नहर परियोजना की घोषणा।
- 25,000 करोड़ रुपये का समुद्री विकास कोष।
- संशोधित UDAN योजना के तहत अगले दशक में 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा।
- शिक्षा और कौशल विकास:
- 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना।
- सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी।
- IIT और मेडिकल शिक्षा में सीटों की वृद्धि।
- 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
- स्वास्थ्य क्षेत्र:
- अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र।
- “हील इन इंडिया” पहल के तहत चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा।
- कृषि और ग्रामीण विकास:
- पीएम धन धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में सिंचाई परियोजनाएं।
- दलहन आत्मनिर्भरता के लिए 6 वर्षीय मिशन।
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये।
- MSME और स्टार्टअप्स:
- MSMEs के लिए क्रेडिट कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये।
- SC/ST और महिलाओं के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण की नई योजना।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार:
- राष्ट्रीय जियोस्पेशियल मिशन और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा।
- AI के लिए उत्कृष्टता केंद्र के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- ऊर्जा क्षेत्र में सुधार:
- 2047 तक 100 GW परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन।
- सामाजिक कल्याण कार्यक्रम:
- 8 करोड़ बच्चों के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना।
बिहार के लिए विशेष घोषणाएं:
- मखाना बोर्ड की स्थापना।
- ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों और नहर परियोजनाओं के लिए विशेष बजट।
बजट 2025-26 के 5 प्रमुख स्तंभ:
- आर्थिक विकास में तेजी
- समावेशी विकास को बढ़ावा
- निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहन
- घरेलू वित्तीय सुरक्षा को मजबूत बनाना
- मध्यम वर्ग के लिए लचीलापन और समृद्धि
केंद्रीय बजट 2025-26 एक दूरदर्शी दस्तावेज है जो वित्तीय अनुशासन और विकास को संतुलित करता है। मध्यम वर्ग को राहत, बुनियादी ढांचे के विकास और संरचनात्मक सुधारों के साथ यह बजट भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करता है।