पंजाब, 22 फरवरी:
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार एक बड़े विवाद में घिर गई है, जब यह खुलासा हुआ कि उसके एक मंत्री लगभग 20 महीनों तक एक ऐसे विभाग का प्रभार संभाल रहे थे, जो अस्तित्व में ही नहीं था। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकार पर तीखा हमला बोला है।
पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह ढालीवाल पर हाल ही में अमेरिका से अमृतसर भेजे गए अवैध प्रवासियों के मुद्दे के चलते ध्यान केंद्रित हुआ। इसी दौरान यह मामला सामने आया कि उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग सौंपा गया था, जो वास्तव में अस्तित्व में नहीं था।
पंजाब सरकार द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में स्पष्ट किया गया कि ढालीवाल को सौंपा गया प्रशासनिक सुधार विभाग अब मौजूद नहीं है। अब वे केवल NRI मामलों का प्रभार संभालेंगे।
अधिसूचना में कहा गया:
“पंजाब सरकार के दिनांक 23.09.2024 के अधिसूचना संख्या 2/1/2022-2कैबिनेट/2230 में आंशिक संशोधन किया जाता है, जिसके अनुसार मंत्री कुलदीप सिंह ढालीवाल को सौंपा गया प्रशासनिक सुधार विभाग वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है।”
ढालीवाल को पहले कृषि और किसान कल्याण विभाग का प्रभार दिया गया था, लेकिन मई 2023 में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान उन्हें इस पद से हटा दिया गया। इसके बाद उन्हें NRI मामलों के साथ-साथ प्रशासनिक सुधार विभाग भी सौंपा गया, जिसे उन्होंने सितंबर 2024 के एक और फेरबदल के बाद भी बरकरार रखा।
इस खुलासे के बाद BJP ने AAP सरकार पर करारा हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता प्रीत बंधारी ने कहा:
“कल्पना करें कि 20 महीनों तक मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता था कि उनका एक मंत्री एक गैर-मौजूद विभाग चला रहा था।”
BJP IT विभाग प्रमुख अमित मालवीय ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा:
“आप पंजाब सरकार की हालत का अंदाजा लगा सकते हैं अगर उसे यह समझने में 20 महीने लग गए कि उसके एक मंत्री को जो विभाग सौंपा गया था, वह वास्तव में कभी अस्तित्व में ही नहीं था। अरविंद केजरीवाल एक ठग हैं और उन्हें सार्वजनिक जीवन से बाहर कर देना चाहिए।”
शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी AAP पर निशाना साधते हुए कहा:
“यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मंत्रियों की कोई भूमिका ही नहीं है, सरकार तो दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चलाई जा रही है।”
एक सूत्र के अनुसार, ढालीवाल को बताया गया था कि प्रशासनिक सुधार गवर्नेंस रिफॉर्म्स विभाग का ही हिस्सा है। इस विभाग का उद्देश्य प्रशासन को सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ना था। अब जारी अधिसूचना से इस भ्रम को स्पष्ट कर दिया गया है।
ढालीवाल के एक गैर-मौजूद विभाग को संभालने के इस मामले ने पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उन्हें भविष्य में कोई नया विभाग सौंपा जाएगा या नहीं।
एक सूत्र ने The Indian Express को बताया कि जब ढालीवाल को प्रशासनिक सुधार विभाग सौंपा गया था, तब उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था क्योंकि उनके विभाग का कोई नियुक्त सचिव नहीं था।