चंडीगढ़, 30 जनवरी:
छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज सुबह पंचकूला के सेक्टर-16 स्थित कारोबारी रजनीश बंसल के आवास पर छापेमारी की। करीब 10-12 ईडी अधिकारी सुबह 9 बजे से बंसल के घर में तलाशी ले रहे हैं। जांच के दौरान घर के अंदर मौजूद परिजनों को बाहर नहीं आने दिया जा रहा है, और उनके मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ करवा दिए गए हैं।
सीबीआई ने पहले ही की थी कई गिरफ्तारियां
इस घोटाले में पहले ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। सीबीआई ने शिमला में ईडी के सहायक निदेशक विशालदीप, उनके भाई विकासदीप, चचेरे भाई नीरज और दिल्ली सीबीआई मुख्यालय के डीएसपी बलबीर सिंह को हिरासत में लिया था।
छात्रवृत्ति घोटाले में नामजद शिक्षण संस्थानों के संचालकों से कथित रूप से रिश्वत की मांग की गई थी। ईडी के अधिकारी विशालदीप पर आरोप है कि उन्होंने घोटाले में फंसे संस्थानों को राहत देने के लिए 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी, हालांकि बाद में यह सौदा 2.5 करोड़ रुपये में तय हुआ।
शिकायत के बाद रिश्वत लेते हुए हुई गिरफ्तारी
हिमाचल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संचालक रजनीश बंसल और मोहाली के भूपेंद्र सिंह ने रिश्वत मांगने की शिकायत सीबीआई से की थी। इसके बाद, 23 नवंबर 2024 को सीबीआई ने विशालदीप के भाई विकासदीप को 54 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जींद के एक होटल से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर भिवानी से चचेरे भाई नीरज को भी पकड़ा गया। वहीं, विशालदीप को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई ने इस मामले में चंडीगढ़ में दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे (एफआईआर नंबर 33 और 34)।
रजनीश बंसल को धमकाने के भी लगे थे आरोप
4 जनवरी को, रजनीश बंसल ने पंचकूला पुलिस को शिकायत दी थी कि उन्हें रोहित गुर्जर नामक एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इसके अलावा, विशालदीप के खिलाफ दर्ज मामला वापस लेने का दबाव भी बनाया गया।
इस शिकायत के आधार पर पंचकूला पुलिस ने विशालदीप और रोहित गुर्जर के खिलाफ फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया। 9 जनवरी को, पंचकूला पुलिस ने मुंबई से विशालदीप को गिरफ्तार कर 5 दिन की रिमांड पर लिया।
ईडी की छापेमारी जारी, दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य खंगाले जा रहे
ईडी की नई जांच टीम रजनीश बंसल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटाने के लिए तलाशी अभियान चला रही है। पंचकूला स्थित कोठी नंबर-376 में तलाशी के दौरान दस्तावेज, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों को खंगाला जा रहा है।
जांच टीम किसी को अंदर या बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रही है। घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच जारी है।