प्रयागराज, 24 फरवरी:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ मेले में अमावस्या के दिन हुई भगदड़ से जुड़ी सभी मौतों और लापता लोगों की जांच न्यायिक आयोग से कराने का निर्देश दिया है। यह फैसला सरकार के उस आश्वासन के बाद आया, जिसमें उसने आयोग के जांच दायरे को सभी तीन घटनाओं तक बढ़ाने की बात कही।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति शैलेन्द्र क्षितिज की पीठ ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सुरेश चंद्र पांडे द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर यह आदेश दिया। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील सौरभ पांडे ने मीडिया रिपोर्ट और वीडियो फुटेज वाली पेन ड्राइव अदालत में जमा की थी। इसमें दावा किया गया था कि अमावस्या के दिन सिर्फ एक नहीं, बल्कि तीन अलग-अलग जगहों पर भगदड़ हुई थी।
लापता लोगों और सरकारी आंकड़ों पर सवाल
याचिका में कहा गया कि मेले में बने “खोया-पाया केंद्र” में लापता लोगों के परिजनों से आधार कार्ड मांगा जा रहा था। जिनके पास आधार कार्ड नहीं था, उनके लापता होने की घोषणा ही नहीं की जा रही थी। इसके अलावा, सरकार पर मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप भी लगाया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार, सरकार ने केवल 30 मौतों की पुष्टि की थी, जबकि वास्तविक संख्या 100 से अधिक बताई जा रही थी। याचिका में हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई थी, क्योंकि सरकार और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी।
सरकारी जवाब से असंतुष्ट हुआ हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान, सरकार की ओर से पेश हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने दलील दी कि सरकार पहले ही न्यायिक आयोग गठित कर चुकी है, जो हादसे के कारणों की जांच कर एक माह में रिपोर्ट पेश करेगा। उन्होंने अतिरिक्त जांच को गैर-जरूरी बताया।
हालांकि, हाईकोर्ट ने सरकार के जवाब से असंतोष जाहिर किया और पूछा कि सरकार भगदड़ में हुई मौतों और लापता लोगों का पता कैसे लगाएगी? इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी।
सरकार ने जांच का दायरा बढ़ाया
सोमवार को सरकार ने अपना रुख बदलते हुए कोर्ट को बताया कि न्यायिक आयोग के जांच दायरे को बढ़ा दिया गया है। पहले यह आयोग केवल संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ के कारणों और रोकथाम उपायों पर जांच कर रहा था। अब यह महाकुंभ मेले में हुई सभी घटनाओं की जांच करेगा, जिसमें जानमाल की क्षति और लापता लोगों की पहचान शामिल होगी।
सरकार के इस आश्वासन के बाद, हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया और विस्तृत जांच के निर्देश दिए।