हिमाचल प्रदेश, 4 फरवरी:
हिमाचल प्रदेश में इस माह से बिजली की कीमतें बढ़ गई हैं, और उपभोक्ताओं को अब दूध और पर्यावरण सेस भी चुकाना होगा। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य उपभोक्ताओं के लिए 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि होगी। प्रदेश के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को इस वृद्धि का सामना करना पड़ेगा।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पिछले वर्ष विधानसभा के मानसून सत्र में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी दी थी। इसके तहत दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बोर्ड को सॉफ़्टवेयर में बदलाव करना पड़ा था, जो अब पूरा हो चुका है। इस माह से जारी होने वाले बिजली बिलों में इन दोनों सेस को जोड़ा जाएगा। घरेलू उपभोक्ताओं पर दूध सेस लागू होगा, जबकि अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को दूध के साथ-साथ पर्यावरण सेस भी चुकाना होगा। शून्य बिल वाले घरेलू उपभोक्ताओं से दूध उपकर नहीं लिया जाएगा।
लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, स्टोन क्रशरों, अस्थायी कनेक्शन धारकों और चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध और पर्यावरण सेस लिया जाएगा। इन सभी को 10 पैसे के दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट तक चुकाने होंगे।
उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। लघु उद्योगों पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर 2 रुपये और स्टोन क्रशरों पर 2 रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा। विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर लिया जाएगा।