चंडीगढ़, 3 जनवरी:
चंडीगढ़ नगर निगम को प्रशासन से 40 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलने के बाद कर्मचारियों की सैलरी का इंतजार अब खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है। निगम के कर्मचारियों को वेतन न मिलने का कारण वित्तीय संकट था, जो अब इस नई ग्रांट से कुछ हद तक सुलझने की संभावना है। यह राशि निगम के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, और उम्मीद है कि शुक्रवार को कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन मिल जाएगा।
निगम को अपने नियमित कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में दिक्कतें आ रही थीं, क्योंकि निगम को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम में कुल 9,748 कर्मचारी हैं, जिनमें से 6,965 कर्मचारी आउटसोर्स हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर निगम का अधिकांश मासिक खर्च आता है, जो लगभग 26 करोड़ रुपये है, जबकि नियमित कर्मचारियों के लिए करीब 16 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं।
नियमित कर्मचारियों को हर महीने के अंत में वेतन मिलता है, लेकिन इस बार यह जारी नहीं किया जा सका। अधिकारियों के अनुसार, निगम के पास पैसे की कमी थी, और वेतन तभी जारी हो सकता था जब प्रशासन से ग्रांट मिलती। अब प्रशासन द्वारा 40 करोड़ रुपये की सहायता मिलने के बाद, उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार को कर्मचारियों को वेतन मिल सकेगा।
वित्तीय संकट के कारण निगम को अपनी अन्य मासिक देनदारियों को पूरा करने में भी समस्या हो रही थी, जैसे कि पेंशन के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये, पानी और बिजली के बिल के लिए 12 करोड़ रुपये, रखरखाव कार्यों के लिए 11.5 करोड़ रुपये और ईंधन की जरूरतों के लिए 6 करोड़ रुपये।