पंजाब, 8 फरवरी:
पंजाब और हरियाणा पुलिस ने कई ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं। ये एजेंट उन परिवारों से ठगी करने के आरोपी हैं जिनके सदस्य हाल ही में अमेरिका से निर्वासित किए गए थे। अमेरिका प्रशासन ने 104 लोगों को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के आरोप में वापस भेज दिया था। इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए पंजाब पुलिस ने चार सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जो अवैध प्रवास और मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच करेगी।
बुधवार को अमृतसर पहुंचे इन 104 निर्वासित लोगों में से 33 हरियाणा, 30 पंजाब और 2 चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। कुछ लोग और उनके परिवार मीडिया से बचने के लिए अज्ञात स्थानों पर चले गए हैं, जबकि कई अन्य प्रवासियों ने सामने आकर बताया कि कैसे ट्रैवल एजेंटों ने उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा दिया, लेकिन अवैध ‘डंकी रूट’ के जरिए भेजकर धोखा दिया।
ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
पंजाब में अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने ट्रैवल एजेंट सतनाम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसने 38 वर्षीय दलैर सिंह, जो कि अमृतसर के सलेमपुरा गांव का निवासी है, को ठगा था। इसी तरह, हरियाणा पुलिस ने तीन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ दो निर्वासित लोगों और उनके परिवारों की शिकायत पर धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोपों में केस दर्ज किया है।
अमृतसर के राजा सांसी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, दलैर सिंह, जो पहले एक ड्राइवर था, बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका जाना चाहता था। 2023 में, उसके रिश्तेदार गुरसेवक सिंह ने उसकी मुलाकात ट्रैवल एजेंट सतनाम सिंह से करवाई, जिसने उसे वैध तरीके से अमेरिका भेजने का भरोसा दिया। दलैर सिंह ने इस यात्रा के लिए रिश्तेदारों और दोस्तों से कर्ज लिया और अपनी कृषि भूमि गिरवी रख दी।
उसकी यात्रा दुबई से ब्राज़ील तक पहुंची, जिसके बाद उसे पनामा के घने जंगलों से गुजरते हुए बेहद खतरनाक रास्तों से आगे बढ़ाया गया। आखिरकार, 15 जनवरी को जब वह अमेरिका पहुंचा, तो वहां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और बाद में निर्वासित कर दिया।
अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) चरंजीत सिंह ने बताया कि दलैर सिंह के परिवार ने ट्रैवल एजेंट को कुल ₹60 लाख अलग-अलग किश्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। दलैर द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद उनके असली होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद सतनाम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि अमेरिका से लौटे भारतीय प्रवासी अपराधी नहीं, बल्कि धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, “अवैध ट्रैवल एजेंटों ने उनसे करोड़ों रुपये ठगे और उन्हें अवैध रूप से अमेरिका भेजा। हमने एक ऐसे एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।”
हरियाणा में भी दर्ज हुए मामले
हरियाणा के करनाल में पुलिस ने तीन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली शिकायत कलाराम गांव के शुभम ने दी, जिसका भाई आकाश निर्वासित किया गया था। दूसरी शिकायत बासी गांव के सुमित सिंह ने दी, जो खुद अमेरिका से लौटाया गया है।
सुमित की शिकायत पर करनाल निवासी प्रदीप राणा के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और इमीग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। सुमित ने आरोप लगाया कि प्रदीप ने उससे ₹40 लाख लिए और कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का वादा किया, लेकिन अगस्त 2024 में उसे डंकी रूट के जरिए भेज दिया। जनवरी 25 को उसने मेक्सिको के बॉर्डर पर एक दीवार फांदकर अमेरिका में घुसने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया और निर्वासित कर दिया।
सुमित ने बताया कि उसने ₹8 लाख अपने रिश्तेदारों से उधार लिए थे, जबकि बाकी भुगतान के लिए उसने 1.5 एकड़ जमीन ट्रैवल एजेंट को देने का समझौता किया था।
वहीं, शुभम ने जालंधर के रहने वाले रॉकी और उसके सहयोगी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उसने बताया कि इन एजेंटों ने आकाश से ₹42.5 लाख लिए और अमेरिका भेजने का वादा किया। लेकिन 26 जनवरी को जब आकाश अमेरिका पहुंचा, तो उसे वहां की पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया और निर्वासित कर दिया।
एसआईटी करेगी विस्तृत जांच
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि चार सदस्यीय एसआईटी अवैध प्रवास और मानव तस्करी से जुड़े सभी मामलों की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।