पंजाब, 27 फरवरी:
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने सरकारी दफ्तरों में नागरिकों के कार्य प्राथमिकता के आधार पर सुगमता से निपटाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, महानगर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सब-रजिस्ट्रार दफ्तर (पूर्वी) में इन आदेशों की खुली अवहेलना देखने को मिली। हाल ही में इस तहसील में करीब 450 लोगों ने अपने दस्तावेज प्रमाणित कराने के लिए अपॉइंटमेंट ली थी, जिसके चलते हजारों की संख्या में लोग अपनी रजिस्ट्री करवाने पहुंचे।
सुबह 9 बजे से ही लोग कतारों में खड़े अपने नंबर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद उनकी बारी नहीं आई, जिससे गुस्साए लोगों ने तहसील में हंगामा कर दिया। भीड़ की स्थिति ऐसी थी कि दफ्तर का माहौल किसी सब्जी मंडी जैसा नजर आ रहा था, जहां लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे। अफरा-तफरी के इस माहौल के बावजूद प्रशासन ने नागरिकों की परेशानी दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
कर्मचारियों से बहस और प्रशासन की अनदेखीदफ्तर में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क और रीडर के कुछ खास एजेंट पिछले दरवाजे से सीधे अंदर जाकर अपने दस्तावेज आसानी से प्रमाणित करवा रहे थे, जिससे आम नागरिकों में नाराजगी देखी गई। जब लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस दिन कुल 450 रेगुलर अपॉइंटमेंट और 15 तत्काल अपॉइंटमेंट स्लॉट बुक किए गए थे, जिससे तहसील में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन आम नागरिकों की परेशानियों पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती गई। कई लोगों को कर्मचारियों से बहस करते हुए भी देखा गया।
28 फरवरी को खत्म हो रही राहत की अवधिपंजाब सरकार ने 28 फरवरी तक नागरिकों को राहत दी थी, जिसके तहत 31 जुलाई 2024 तक 500 गज से छोटे प्लॉट खरीदने वालों की रजिस्ट्री पुराने दस्तावेजों या बयानों के आधार पर की जा सकती थी। यह राहत अवधि अब समाप्त होने को है, जिसके कारण तहसीलों में अपॉइंटमेंट की संख्या 250 से बढ़ाकर 450 कर दी गई है। इस बढ़ी हुई संख्या के चलते दफ्तरों में अव्यवस्था फैल गई, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।