चंडीगढ़, 3 मार्च:
पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ के दिसंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर-34 मेला ग्राउंड में आयोजित लाइव कंसर्ट में बड़े पैमाने पर टिकट घोटाला सामने आया है। ठगों ने ऑनलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को नकली टिकट बेचकर लाखों रुपये की ठगी की।
अब ज़ीरकपुर के एक युवक ने इस ठगी को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उसने आरोप लगाया है कि उसे फर्जी टिकट देकर 8.22 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सेक्टर-17 थाने में धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
ऐसे हुआ टिकट घोटाला
शिकायतकर्ता संस्कार रावत, निवासी माया गार्डन, ज़ीरकपुर, ने बताया कि वह एक छात्र है और अपने परिवार के साथ रहता है। उसकी मुलाकात सेक्टर-42बी, चंडीगढ़ के पर्व कुमार नाम के युवक से हुई, जिसने बताया कि उसका पांच दोस्तों का एक ग्रुप है, जो दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट की टिकटें बेच रहा है।
संस्कार ने इस ग्रुप से 98 टिकट खरीदने की बात तय की, जिनमें 17 फैन पिट, 3 सिल्वर और 78 गोल्ड कैटेगरी की टिकटें शामिल थीं। 19 सितंबर 2024 को उसने पर्व को ₹96,000 ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। कुछ दिनों बाद उसे ग्रुप के दूसरे सदस्य वरदान से मिलवाया गया, जिसे उसने अक्टूबर में ₹40,000 ट्रांसफर किए। इसके बाद, अक्टूबर से नवंबर तक अलग-अलग किश्तों में उसने कुल ₹7 लाख ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद संस्कार की मुलाकात ग्रुप के तीसरे सदस्य आकाशदीप से हुई, जिससे उसे 12 टिकट मिलने थे। उसने आकाशदीप को ₹43,000 ट्रांसफर किए, जिसने टिकट देने का वादा किया था। इसके अलावा, ग्रुप के एक अन्य सदस्य विनीत ने ₹44,500 लेकर कुछ टिकटें दीं। 14 दिसंबर की सुबह उसे फिर से सेक्टर-17 बस स्टैंड बुलाकर बाकी टिकटें दी गईं।
एंट्री गेट पर स्कैनिंग में पकड़े गए फर्जी टिकट
कंसर्ट स्थल पर प्रवेश के लिए टिकटों की स्कैनिंग की व्यवस्था थी, ताकि फर्जी टिकटों का पता लगाया जा सके। जब संस्कार और उसके दोस्त एंट्री गेट पर पहुंचे और टिकट स्कैन कराई गईं, तो वे मशीन में स्कैन ही नहीं हो सकीं। जांच में पता चला कि इन टिकटों पर फर्जी स्कैनर लगाया गया था। सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर ही नकली टिकटें फाड़ दीं, हालांकि शिकायतकर्ता ने कुछ टिकट सबूत के तौर पर बचा लिए।
इसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई, जिसके आधार पर सेक्टर-17 थाने में वरदान मान, पर्व कुमार, विनीत पॉल, आकाशदीप सिंह और रोहन सिंह के खिलाफ बीएनएस एक्ट के तहत फर्जी टिकट बेचने का मामला दर्ज किया गया।