चंडीगढ़, 13 फरवरी:
चंडीगढ़ के सेक्टर-21 निवासी डेंटिस्ट डॉ. मोहित धवन के कथित अपहरण के मामले में सीबीआई ने चंडीगढ़ पुलिस के सात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन अधिकारियों में क्राइम ब्रांच में रह चुके इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों, सब-इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, एएसआई अजमेर सिंह उर्फ अमितोज सिंह, हवलदार अनिल कुमार, कांस्टेबल विकास हुड्डा, कांस्टेबल सुभाष और कांस्टेबल नीरज कुमार शामिल हैं।
CBI की छानबीन और पुलिस विभाग में हलचल
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की टीम ने बुधवार को चार पुलिसकर्मियों के घरों पर जांच की, जिससे पूरे पुलिस विभाग में हलचल मच गई। इससे पहले भी सीबीआई ने इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों और अन्य अधिकारियों से पूछताछ के लिए उन्हें सेक्टर-30 स्थित कार्यालय में बुलाया था, जहां उनसे घंटों तक पूछताछ हुई।
कैसे हुआ डॉ. मोहित धवन का कथित अपहरण?
डॉ. मोहित धवन के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था, जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट से जमानत के लिए अर्जी दी। हाईकोर्ट ने उन्हें 7 जनवरी 2022 को सुबह 11 बजे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।
डॉ. धवन का आरोप है कि जब वह अदालत पहुंचे, तो मुख्य गेट के बाहर ही एएसआई अजमेर सिंह, विकास हुड्डा, अनिल कुमार और सुभाष ने उन्हें जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया और इधर-उधर घुमाते रहे। उनकी गिरफ्तारी की सूचना अदालत को भी नहीं दी गई, जिससे उनकी गैरमौजूदगी दर्ज कराई गई। बाद में, पुलिस ने दावा किया कि सेक्टर-19 पुलिस थाने में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज था और उसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने सीबीआई को इसकी जांच करने का निर्देश दिया।
इंस्पेक्टर सेखों पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
हरिंदर सिंह सेखों का नाम इससे पहले भी कई मामलों में आ चुका है। बीते साल एक रिश्वत मामले में चंडीगढ़ पुलिस के दो कांस्टेबल और दो कारोबारियों की गिरफ्तारी हुई थी, जिसमें सेखों का नाम भी आया था। हालांकि, तब सीबीआई को उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले थे।
इसके बाद, सीबीआई ने इंस्पेक्टर सेखों और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) का मामला दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि 1 फरवरी 2017 से 28 फरवरी 2021 के बीच उनकी संपत्ति में उनकी घोषित आय से 80.30% अधिक बढ़ोतरी हुई थी।
क्या होगा आगे?
इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच जारी है। सभी सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है और आगे की कार्रवाई के लिए जांच एजेंसी विभिन्न पहलुओं की पड़ताल कर रही है।