हरियाणा, 29 जनवरी:
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। प्रशासन को डर है कि निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों द्वारा विरोध स्वरूप ड्यूटी छोड़ दी जाएगी।
इस स्थिति से बचने के लिए, चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा के बिजली विभाग और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम से 113 तकनीकी कर्मचारियों की मांग की है। इनमें लाइनमैन, जूनियर इंजीनियर, सब-स्टेशन अटेंडेंट और ड्राइवर शामिल हैं। यह कर्मचारी बुधवार तक चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं।
यूटी प्रशासन के इंजीनियरिंग सचिव ने हरियाणा बिजली विभाग और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को एक पत्र भेजा है। इसमें उल्लेख किया गया है कि बिजली विभाग को एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को सौंपा जा रहा है, और इसके बाद कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी बहिष्कार की संभावना जताई जा रही है। इस कारण, 29 जनवरी से 7 फरवरी के बीच बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती की आवश्यकता होगी। सूत्रों के अनुसार, इसी दौरान विभाग का निजीकरण प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।
विभाग के कर्मचारियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे निजीकरण के बाद काम का बहिष्कार करेंगे, इस कारण प्रशासन ने पहले से ही अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की व्यवस्था की है। प्रशासन ने 113 कर्मचारियों की मांग की है और अधीक्षण अभियंता (एसई) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जिन्हें विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
हरियाणा एस्मा लागू, बावजूद इसके कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे
कर्मचारियों के विरोध को रोकने के लिए, प्रशासन ने हाल ही में हरियाणा एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लागू किया है। इसके बावजूद, विभागीय कर्मचारी छुट्टियों के बाद भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, और शहरवाले भी उनके समर्थन में शामिल हो रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन को पहले ट्रांसफर स्कीम की अधिसूचना जारी करनी चाहिए थी, जिसमें कर्मचारियों से जुड़ी सभी शर्तों और नियमों का उल्लेख किया जाता। प्रशासन ने वादा किया था कि पहले ट्रांसफर स्कीम बनाई जाएगी, फिर काम आगे बढ़ेगा। हालांकि, 22 नवंबर को कंपनी को एलओआई (Letter of Intent) जारी कर दिया गया और 31 जनवरी तक का समय बढ़ाया गया। इस बीच, चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड का गठन भी किया गया।
एमिनेंट ने 871 करोड़ की बोली लगाई, विभाग में करीब 1100 कर्मचारी
बिजली विभाग में लगभग 1100 कर्मचारी हैं, जिनमें से 550 नियमित हैं और बाकी आउटसोर्स पर हैं। विभाग के निजीकरण के लिए एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 871 करोड़ की बोली लगाई थी, जिसे मई 2022 में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। इस प्रक्रिया की शुरुआत पांच साल पहले हुई थी। विभाग को खरीदने के लिए कुल सात कंपनियों ने बोली लगाई थी, जिनमें एमिनेंट के अलावा अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, टाटा पावर, टोरेंट पावर, स्टरलाइट पावर, रिन्यू विंड एनर्जी और एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड शामिल थीं।
आवश्यक कर्मचारियों की सूची
पद | संख्या |
---|---|
असिस्टेंट लाइनमैन | 55 |
लाइनमैन | 23 |
सब स्टेशन अटेंडेंट | 16 |
जूनियर इंजीनियर | 9 |
ड्राइवर | 10 |