चंडीगढ़, 24 फरवरी:
शहर में पुलिस वेरिफिकेशन करवाने के लिए लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौकरी के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट से लेकर अन्य आवश्यक कार्यों के लिए वेरिफिकेशन करवाने वाले आवेदकों को थानों, बीट बॉक्स और पुलिस मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
हजारों आवेदनों की प्रक्रिया अधूरी
वर्तमान में 1300 से अधिक वेरिफिकेशन पेंडिंग हैं, जिनमें से 1200 आवेदन ऑनलाइन और लगभग 125 मैनुअली किए गए हैं। खासतौर पर किरायेदारों और घरेलू नौकरों की वेरिफिकेशन को लेकर लापरवाही बरती जा रही है, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण है। शहर में आपराधिक गतिविधियों में शामिल गैंगस्टरों और संदिग्ध तत्वों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस समय पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी नहीं कर रही है। कानून के तहत मकान मालिकों पर वेरिफिकेशन न कराने पर कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन कई मामलों में दिसंबर और जनवरी से लंबित आवेदन अब तक निपटाए नहीं गए हैं।
बीट बॉक्स की लापरवाही बनी देरी की वजह
सूत्रों के अनुसार, पुलिस वेरिफिकेशन का कार्य बीट बॉक्स और समावेश केंद्रों के जिम्मे है। हालांकि समावेश केंद्र अपेक्षाकृत तेज गति से काम कर रहे हैं, लेकिन बीट बॉक्स पर तैनात पुलिसकर्मियों की उदासीनता के कारण अधिकांश मामले पेंडिंग पड़े हैं। सबसे अधिक लंबित मामले सारंगपुर और सेक्टर-34 थानों के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं।
ऑनलाइन और मैनुअल वेरिफिकेशन में अंतर
ऑनलाइन माध्यम से पासपोर्ट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, नौकर व किरायेदार वेरिफिकेशन जैसे आवेदन किए जाते हैं, जबकि मैनुअल वेरिफिकेशन डीसी ऑफिस से संबंधित होती है। इनमें विवाह पंजीकरण, आर्म्स लाइसेंस, सरकारी एवं निजी कर्मचारियों की वेरिफिकेशन शामिल है। फिलहाल, 40 आर्म्स लाइसेंस, 50 विवाह प्रमाण पत्र और करीब 120 कर्मचारियों के वेरिफिकेशन आवेदन लंबित हैं।
नौकरी न मिलने से आवेदक परेशान
किशनगढ़ निवासी शांति नेगी ने बताया कि उन्होंने सुरक्षाकर्मी की नौकरी के लिए आवेदन किया था, जिसके लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट अनिवार्य था। वेरिफिकेशन के लिए उन्होंने दो महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन अभी तक कोई अपडेट नहीं मिला। इस देरी के कारण उन्हें वह नौकरी नहीं मिल सकी, जिससे उन्हें मजबूरन इंडस्ट्रियल एरिया में दूसरी जगह काम ढूंढना पड़ा।
शहर में वेरिफिकेशन प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।