भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने घोषणा की है कि पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े गए ड्रोन की संख्या अब 200 तक पहुंच गई है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित तस्कर ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी करना है, ताकि भारतीय युवाओं को नशे में फंसाया जा सके और सामाजिक सद्भावना को तोड़ा जा सके।
बीएसएफ के एक बयान के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पंजाब की सीमा पर चार और ड्रोन पकड़े गए, जिसके बाद इस साल पकड़े गए ड्रोन की कुल संख्या 200 को पार कर गई है। 2023 में, 107 ड्रोन पकड़े गए थे, जो इस साल की तुलना में लगभग आधे थे। बीएसएफ ने इसे “महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया है, जो उनके उन्नत एंटी-ड्रोन रणनीतियों और तकनीकी हस्तक्षेप की सफलता को दर्शाता है।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल पकड़े गए अधिकांश ड्रोन चीन में बने हैं, जिन्हें तस्करों द्वारा नशीले पदार्थों, छोटे हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश खेपें नशीले पदार्थों की होती हैं, जो विशेष रूप से पंजाब के सीमावर्ती जिलों जैसे अमृतसर और तरनतारन को निशाना बनाती हैं।
बीएसएफ ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी एंटी-ड्रोन तकनीकी और उनके कर्मियों द्वारा किए गए सटीक ऑपरेशनों ने सीमा पार तस्करी को काफी हद तक रोक दिया है। पहले नशीले पदार्थों और हथियारों की आवाजाही ज़मीन के रास्ते से होती थी, लेकिन अब यह मुख्य रूप से ड्रोन के माध्यम से की जाती है। गृह मंत्रालय के तहत काम करते हुए,