पत्रकार सुरक्षा पर बड़ा ऐलान: मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के बाद छत्तीसगढ़ में बनेगा नया कानून
छत्तीसगढ़, 6 जनवरी:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के बाद उनकी निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की है।
छत्तीसगढ़ में बनेगा पत्रकार सुरक्षा कानून
रविवार को गरियाबंद के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। इसी के साथ, हम पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए जल्द ही प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा, ताकि पत्रकार निडर होकर अपना कार्य कर सकें।
एसआईटी का गठन, तेज़ी से हो रही जांच
सरकार ने मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में पूरी गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। घटना के बाद से ही पत्रकार संगठनों ने दोषियों को सख्त सजा की मांग की थी, और अब सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार
मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर को पांच जनवरी की रात हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। एसआईटी द्वारा की गई इस गिरफ्तारी से जांच में तेजी आई है। इससे पहले, मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है।
पत्रकारों की सुरक्षा पर सरकार की प्राथमिकता
इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पत्रकार स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।”
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने समाज में पत्रकारों की भूमिका की गंभीरता और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है। सरकार की ओर से पत्रकार सुरक्षा कानून लाने का आश्वासन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।