जालंधर, 6 फरवरी:
जालंधर देहात के गोराया क्षेत्र में स्थित कोटली खाखिया गांव में पतंग की डोर से एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 7 साल की बच्ची की जान चली गई। बुधवार शाम यह हादसा उस समय हुआ जब बच्ची अपने दादा के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर दुकान की ओर जा रही थी। मृतका हरलीन अपने परिवार की इकलौती बेटी थी, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
चौकी दोसांझ कलां के प्रभारी सुखविंदर पाल ने बताया कि घटनास्थल से बरामद की गई डोर भारतीय थी, न कि सिंथेटिक। पुलिस को दिए बयान में बच्ची के दादा सतनाम सिंह ने बताया कि उनकी बहू जसविंदर रानी अस्पताल में भर्ती थी, इसलिए वह अपनी पोतियों के साथ दुकान की ओर जा रहे थे। हरलीन मोटरसाइकिल के आगे बैठी थी, जबकि दूसरी पोती पीछे। जैसे ही वे गांव से करीब आधा किलोमीटर आगे बढ़े, अचानक एक पतंग की डोर हरलीन की गर्दन में उलझ गई।
डोर इतनी तेज थी कि उसकी गर्दन गहरे घाव से कट गई और खून बहने लगा। गंभीर हालत में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां से दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। खून का बहाव रोकना मुश्किल हो गया और इलाज शुरू होने से पहले ही बच्ची ने दम तोड़ दिया।
हरलीन के शव को उसके दादा घर लेकर आए, जहां परिवार शोक में डूब गया। पुलिस ने घटनास्थल से डोर को जब्त कर लिया है और जांच जारी है। चौकी प्रभारी ने पुष्टि की कि डोर भारतीय थी, न कि प्रतिबंधित चाइनीज मांझा। हालांकि, यह डोर काफी मजबूत थी, जिसके कारण बच्ची की गर्दन कट गई और यह हादसा हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।