प्रयागराज, 29 जनवरी:
महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान बड़ा हादसा हो गया। मंगलवार आधी रात के बाद संगम क्षेत्र में अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 18 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद कुंभ क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन की ओर से स्थिति को काबू में करने की कोशिशें जारी हैं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना बीती रात करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच घटी, जब लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए संगम तट पर उमड़ पड़े। अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्थित आवाजाही के कारण अचानक भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिससे हालात और बिगड़ गए। इसी दौरान कई श्रद्धालु कुचल गए और कुछ लोग दम घुटने से बेहोश हो गए।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
श्रद्धालुओं की भीड़ बनी हादसे की वजह
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्वों में से एक है। इस दिन संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। प्रशासन ने अनुमान लगाया था कि इस साल करीब 10 करोड़ लोग संगम में स्नान कर सकते हैं, लेकिन जिस तरह से रात में भीड़ उमड़ी, उसने सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे, लेकिन स्नान क्षेत्र में प्रवेश मार्ग संकरा होने और लोगों के धक्का-मुक्की करने के कारण हालात बेकाबू हो गए।
सीएम योगी और पीएम मोदी ने की आपात बैठक
हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और श्रद्धालुओं से संगम क्षेत्र में ना आने की अपील की। उन्होंने कहा, “श्रद्धालु अफवाहों पर ध्यान न दें और जहां हैं वहीं स्नान करें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया और सीएम योगी से अब तक तीन बार फोन पर चर्चा की। उन्होंने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सीएम योगी से बात कर स्थिति का जायजा लिया।
अखाड़ों ने किया स्नान स्थगित
इस हादसे के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने ऐलान किया कि आज किसी भी अखाड़े के संत स्नान नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “हम आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। जब हालात सामान्य होंगे, तभी अगला स्नान किया जाएगा। वसंत पंचमी पर हम खुशी-खुशी पवित्र डुबकी लगाएंगे।”
अखिलेश और राहुल गांधी ने उठाए सवाल
घटना के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर सवाल उठाए।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “महाकुंभ में अव्यवस्थाओं के कारण हुए हादसे में श्रद्धालुओं की मौत अत्यंत दुखद है। सरकार को तुरंत गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस से सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए और मृतकों के शवों को उनके परिवारों तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।”
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, “इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन और बदइंतजामी जिम्मेदार है। प्रशासन आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। सरकार को तुरंत व्यवस्थाओं में सुधार करना चाहिए ताकि आगे कोई हादसा न हो।”
महाकुंभ में अब तक 21 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
मौनी अमावस्या के दिन सुबह 10 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। कुंभ मेले के शुरुआती दिनों से अब तक 21 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा, मिर्जापुर बॉर्डर पर अलर्ट
इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। मिर्जापुर-प्रयागराज बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि अधिक भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। संगम क्षेत्र में होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का मौनी अमावस्या स्नान एक बड़े हादसे की गवाही दे गया। 18 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा घायलों के साथ यह हादसा कुंभ के इतिहास में दर्ज हो गया। प्रशासन अब सुरक्षा के और कड़े इंतजाम कर रहा है ताकि आगे ऐसी घटना दोबारा न हो। श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे धैर्य बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।