पंजाब, 17 जनवरी:
राजगुरु नगर की 80 वर्षीय रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल एक जटिल धोखाधड़ी का शिकार हो गईं, और उन्हें ₹47.30 लाख का नुकसान हुआ। धोखेबाजों ने उन्हें पांच दिनों तक “डिजिटल निगरानी” में रखा, यह दावा करते हुए कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं।
पीड़िता सुषिला वर्मा ने बताया कि यह घटना 7 जनवरी को शुरू हुई, जब उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि वह मुंबई स्थित बैंक खाते का इस्तेमाल कर एक प्राइवेट एयरलाइन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इस आरोप को सच्चा साबित करने के लिए धोखेबाजों ने उन्हें नकली गिरफ्तारी वारंट भेजे और यह कहा कि वह इस मामले के बारे में किसी से बात न करें।
वर्मा ने बताया कि धोखेबाजों ने वीडियो कॉल भी की, जो सीबीआई कार्यालय से आई प्रतीत हो रही थी, जिससे वह उनके असली होने का विश्वास कर बैठी। उन्होंने उसे कई ट्रांजेक्शनों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला, यह कहते हुए कि यह पैसे उसके खातों की फोरेंसिक जांच के लिए आवश्यक हैं।
धोखेबाजों ने वर्मा से यह वादा किया कि राशि 72 घंटों के भीतर वापस कर दी जाएगी। इस दौरान, उन्हें लगातार वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल निगरानी में रखा गया। जब उन्हें एहसास हुआ कि वह धोखा खा चुकी हैं, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और नागरिकों से इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए सतर्क रहने और इन दावों की पुष्टि करने की अपील की है।