चंडीगढ़, 1 जनवरी:
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में एक बलात्कार मामले में एक व्यक्ति को बरी कर दिया, जबकि पीड़िता की गवाही में असंगतियों का हवाला दिया। कोर्ट ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि आरोपित के साथ यौन संबंध सहमति से थे, क्योंकि अपराध स्थल पर पीड़िता के कपड़े नहीं फटे थे।
न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति कीर्ति सिंह की बेंच ने टिप्पणी की, “अपराध स्थल पर पीड़िता के कपड़ों का अनफटा होना यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पीड़िता सहमति से यौन संबंधों में शामिल थी, यदि वह यौन शोषण की शिकार होती, तो उसके कपड़े फटे होते, बजाय इसके कि अपराध स्थल पर उसके कपड़े बिना फटे पाए गए।”
कोर्ट अपील सुन रही थी, जिसमें अर्जुन सिंह को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (2)(g) के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। मामले में एक अन्य आरोपित को भी दोषी ठहराया गया था, लेकिन कोर्ट ने उसे बरी कर दिया, क्योंकि पीड़िता ने सुनवाई के दौरान अपने बयान से मुकर गई थी।