पंजाब, 30 दिसंबर:
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने घोषणा की है कि राज्य में पुलिस ठिकानों को निशाना बनाने वाले हालिया आठ बम धमाकों के सभी मामलों का सफलतापूर्वक खुलासा हो गया है।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक बयान में डीजीपी यादव ने बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों ने पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकवादी संगठनों द्वारा पंजाब में शांति भंग करने की साजिश को नाकाम कर दिया है।
जांच में खुलासा हुआ कि इन घटनाओं के पीछे पांच आतंकवादी मॉड्यूल थे, जिनके संचालक पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा और यूरोप से जुड़े हुए थे। इनमें से तीन मॉड्यूल बीकेआई और दो केजेडएफ से संबंधित थे। पुलिस ने इस दौरान दो एके-47 राइफल, पांच ग्रेनेड, दो गॉक पिस्टल और 1.04 किलोग्राम हेरोइन बरामद की।
ब्लास्ट घटनाओं का विवरण (2024):
- 23 नवंबर: अजनाला पुलिस स्टेशन पर 1.5 किलो का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाया गया था।
- 29 नवंबर: अमृतसर के गुरबख्श नगर में रात 11 बजे एक परित्यक्त पुलिस चौकी के पास विस्फोट हुआ।
- 2 दिसंबर: नवांशहर के अंसारो पुलिस पोस्ट पर ग्रेनेड हमला हुआ, लेकिन ग्रेनेड को निष्क्रिय कर दिया गया।
- 4 दिसंबर: अमृतसर के मजीठा पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड विस्फोट से खिड़कियां टूट गईं।
- 13 दिसंबर: बटाला के घनिया के बांगड़ पुलिस स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास ग्रेनेड फेंका गया, लेकिन यह विस्फोट नहीं हुआ।
- 17 दिसंबर: अमृतसर के इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन के पास सुबह 3 बजे जोरदार विस्फोट हुआ। इसमें बीकेआई और गैंगस्टर जीवन फौजी का नाम आया।
- 18 दिसंबर: गुरदासपुर के कलानौर स्थित बख्शीवाला पुलिस चेक पोस्ट पर ग्रेनेड विस्फोट हुआ।
- 20 दिसंबर: गुरदासपुर के कलानौर स्थित वडाला बांगड़ पुलिस चेक पोस्ट पर ग्रेनेड विस्फोट हुआ।
मुख्य तथ्य:
- इन धमाकों में आरडीएक्स और ऑस्ट्रिया में बने अर्जेस ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया, जो पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से लाए गए थे।
- अर्जेस ग्रेनेड पहले 1993 के मुंबई बम धमाकों और 2001 की भारतीय संसद हमले में इस्तेमाल हुए थे। पंजाब पुलिस के अनुसार, ये ग्रेनेड पाकिस्तान की पुरानी सेना की खेप से जुड़े प्रतीत होते हैं।
- हमलों में मुख्य रूप से पुलिस चौकियों और परित्यक्त चेक पोस्ट को निशाना बनाया गया।
डीजीपी यादव ने पुष्टि की कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन, जैसे हरविंदर रिंदा के नेतृत्व वाले बीकेआई और रंजीत सिंह नीटा के नेतृत्व वाले केजेडएफ ने इन हमलों की साजिश रची। इन संगठनों ने स्थानीय गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों का उपयोग कर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास किया।
विदेश में स्थित हैप्पी पसीआन, हैप्पी जट, गोपी घनश्यामपुरिया, जीवन फौजी और गुरदेव जस्सल भी इस साजिश में शामिल थे।
डीजीपी यादव ने जनता से सतर्क रहने की अपील की और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सामुदायिक सतर्कता पर जोर दिया।