चंडीगढ़, 4 दिसंबर:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि ‘निशान-ए-इंकलाब’ प्लाजा शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जीवन और उनके सिद्धांतों को फैलाकर युवाओं को देश की निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करेगा।
यहाँ एयरपोर्ट रोड पर 5 करोड़ की लागत वाले ‘निशान-ए-इंकलाब’ प्लाजा का उद्घाटन करते हुए जहाँ शहीद भगत सिंह की 30 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान शहीद को सिर्फ उनके शहीदी दिवस (23 मार्च) या जन्मदिन (28 सितंबर) पर ही याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि हर पल उनकी याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्लाजा हमारी युवा पीढ़ियों को महान शहीद के पदचिन्हों पर चलने और देश की सेवा करने के लिए हमेशा प्रेरित करेगा। भगवंत सिंह मान ने आशा व्यक्त की कि यह प्लाजा इस महान शहीद के योगदान से परिचित करवा कर देश-विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के कारण मोहाली हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में से किसी ने भी इस हवाई अड्डे का नाम महान शहीद के नाम पर रखने की पहल नहीं की थी, लेकिन उनके पदभार संभालने के बाद उनकी सरकार ने इसे प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इन महान शहीदों के नाम पर हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं के नामकरण से उनकी गौरवमयी विरासत को जीवित रखना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महान शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि महान देशभक्तों के सपनों के अनुसार पंजाब की तरक्की और लोगों की खुशहाली को सुनिश्चित करना राज्य सरकार का कर्तव्य है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से पंजाब देशभर में सबसे आगे बढ़ने वाला राज्य बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद भगत सिंह के हर सपने को साकार करने और सद्भावना व समानता वाले समाज की रचना के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के युवा नायक ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद से मुक्ति दिलाने के लिए छोटी उम्र में ही अपनी बलि चढ़ा दी थी। भगवंत सिंह मान ने अफसोस जताया कि पिछली सरकारों ने 70 वर्षों के दौरान शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जैसे महान शहीदों के सपनों को नजरअंदाज किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य का कोई भी युवा रोजगार के लिए विदेश न जाए ताकि शहीद भगत सिंह के सपने पूरे किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पारदर्शी तरीके से युवाओं को लगभग 50,000 नौकरियाँ दी हैं और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में वतन वापसी (रिवर्स माइग्रेशन) की शुरुआत कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जिस उम्र में युवा अपने माता-पिता से उपहार की मांग करते हैं, शहीद भगत सिंह ने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि की आज़ादी की मांग की थी।” भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह पढ़े-लिखे नेता थे, जो हमेशा लोगों की भलाई के लिए चिंतित रहते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद-ए-आज़म के सपने अभी भी अधूरे हैं क्योंकि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और गरीबी अभी भी पैर पसारे हुए हैं। उन्होंने भारत को नंबर एक देश बनाने के लिए लोगों से जात-पात, धर्म और सांप्रदायिकता से ऊपर उठने की अपील की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह शहीद भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी जानें न्यौछावर की थीं।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से शहीद भगत सिंह के सपनों का देश बनाने के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए हमें सभी को अथक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की पुरानी शान को बहाल करना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महान शहीद सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की के लिए हमें उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह की महान कुर्बानी युवाओं को देश की सेवा के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने देश को आज़ाद कराने के अलावा भ्रष्टाचार और गरीबी मुक्त भारत का सपना भी देखा था। भगवंत सिंह मान ने युवाओं से प्रेरित किया कि वे शहीद भगत सिंह के पदचिन्हों पर चलकर राज्य की सेवा करेंगे।