चंडीगढ़, 3 दिसंबर:
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में तीन महत्वपूर्ण आपराधिक क़ानूनों के व्यावहारिक क्रियान्वयन का उद्घाटन किया। ये नए क़ानून—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—1 जुलाई से लागू हुए हैं और इनसे ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित किया गया है।
कार्यक्रम में इन क़ानूनों के कार्यान्वयन को दर्शाने के लिए एक लाइव डेमो प्रस्तुत किया गया। इसमें डिजिटल प्लेटफार्मों जैसे e-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और e-समन्स का उपयोग किया गया। इन तकनीकों ने कानून प्रवर्तन, न्यायिक प्रक्रियाओं और साक्ष्य प्रबंधन को सरल और प्रभावी बनाया है। इसके अलावा, एक अपराध स्थल की जांच का सिमुलेशन भी किया गया, ताकि इन उपकरणों के व्यावहारिक उपयोग को प्रदर्शित किया जा सके।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के सहयोग से विकसित किए गए इन प्लेटफार्मों का उद्देश्य भारत के न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाना है।